भोपाल.
प्रदेशभर में कल दिन भर हुई बारिश से जिलों में बनी स्थितियों का जायजा लेने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रात डेढ़ बजे प्रभावित आधा दर्जन जिलों के कलेक्टरों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि नागरिकों को कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी, कहीं जरुरत पड़ी तो सेना और एयरफोर्स की मदद ली जाएगी। इधर खरगौन में मुनादी के बाद भी साधु-संतो ने आश्रम नहीं छोड़े और हालत बिगड़े तो दो आश्रमों में फंसे बीस साधु-संतो को रविवार को सुबह रेस्क्यू कर निकाला गया। बुरहानपुर में सात बस्तियों से 750 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बड़वानी में पानी गिर रहा है। वहां कलेक्टर ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम की मदद मांगी है।
गुना दौरे से लौटे सीएम ने देर रात्रि अतिवर्षा और कुछ जिलों में जलस्तर बढ़ने से उत्पन्न परिस्थितियों की समीक्षा की। वीडियो कांफ्रसिंग के जरिए उन्होंने प्रभावित जिलों के अधिकारियों से चर्चा की। जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम जिलों में सक्रिय है। सीएम ने कहा कि आवश्यक हुआ तो सेना और एयरफोर्स की मदद ली जाएगी वर्तमान में जरुरत नहीं है। सीएम ने बुरहानपुर, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, धार जिलों के कलेक्टर और इंदौर कमिश्नर से चर्चा की। मालवा और निमाड़ अंचल में प्रभावित जिलों में स्थितियां सामान्य हो रही है। अलीराजपुर में अभी बारिश हो रही है। बड़वानी में रुक रुक कर हलकी बारिश हो रही है। खंडवा में अभी बारिश नहीं हो रही है। ओंकारेश्वर में हली बूंदाबांदी हो रही है। धार में भी हलकी बूंदाबांदी चल रही है। खरगौन में बारिश बंद है। इधर बड़वानी कलेक्टर ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद मांगी है।
बुरहानपुर में साढ़े सात सौ लोगों को बचाया
बुरहानपुर कलेक्टर भाव्या मित्तल ने बताया कि शहर और गांव की सात निचली बस्तियों में 750 लोग फसे हुए थे। सभी को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचा दिया गया है। खाना भी दिया जा रहा है। अलीराजपुर कलेक्टर अभय अरविंद बेड़ेकर ने बताया कि उनके जिलें में सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
साधु-संतों को सुबह रेस्क्यू कर निकाला
खरगौन कलेक्टर शिवराज वर्मा ने बताया कि बाढ़ की स्थिति कंट्रोल में है। ओंकारेश्वर से डिस्चार्ज किया जा रहा पानी अब कम हो गया है। पहले 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था अब 26 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बड़वाह में दो आश्रमों में बीस साधु-संत फसे हुए थे। प्रशासन के आग्रह पर भी उन्होंने आश्रम नहीं छोड़ा था। जब पानी बढ़ने लगा तो फोन आने लगे। सुबह उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कसरावद के तीन गांव बाढ़ के पानी से घिर गए थे। भट्यिा में पैतीस लोग टापू पर फस गए थे। सायता में बीस और ब्रोथू में चार सौ लोग फसे हुए थे। सभी को सुरक्षित सेना की नाव से निकाल लिया गया है।
इंदौर में रुक-रुक कर बारिश
इंदौर में एक दिन में 12 इंच बारिश के बाद भी इंद्र देवता थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार दोपहर से शनिवार रात तक चले भीषण बारिश के दौर ने देर रात कुछ देर के लिए राहत जरूर दी, लेकिन अल सुबह फिर से पानी बरसना शुरू हो गया। घरों-दुकानों में घुसा पानी निकाल रहे लोगों के लिए इससे एक बार फिर से आफत बढ़ गई। सुबह से शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं।
बारिश का कोटा पूरा
अगस्त महीने के सूखे को सितंबर ने पूरा कर दिया है। अब मध्य प्रदेश की आसमान से खतरे के बदले टालने लगे हैं। प्रदेश को औसत बारिश के लिए थोड़ी बहुत बारिश की आवश्यकता है। शनिवार सुबह की स्थिति में प्रदेश में सामान्य से 4 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि रविवार सुबह तक यह कोटा भी पूरा हो जाएगा।
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