CM हेल्पलाइन: अस्सी फीसदी ग्रेडिंग का टार्गेट, सात बिन्दुओं पर कार्रवाई के फरमान
भोपाल
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के निराकरण में नगरीय निकाय काफी पीछे है। कई शिकायतें तो ऐसी है जो अटैण्ड ही नहीं की जा रही। इसके चलते नगरीय प्रशासन विभाग सोलहवें स्थान पर आ गया है। इसको लेकर अब सभी निकायों के अफसरों को अगले माह अस्सी फीसदी अंक लाकर ए ग्रेड अनिवार्य रूप से लाने का फरमान जारी हुआ है। इसके लिए सात बिन्दुओं का पालन अनिवार्य किया गया है।
दिसंबर में सीएम हेल्पलाइन की ग्रेडिंग में नगरीय प्रशासन विभाग 78.92 प्रतिशत अंक लेकर बी ग्रेड प्राप्त कर पाया है। नगरीय निकायों के अफसरों की उदासीनता से विभाग पीछे रह गया है। बारह जनवरी की स्थिति में भी विभाग को 67.6 प्रतिशत स्कोर पर है। फिलहाल नगरीय प्रशासन विभाग सोलहवें स्थान पर है। जिन शिकायतों का निराकरण संचालनालय या विभाग स्तरपर किया जाना है उनका निपटारा लेवल एक पर तत्काल संबंधित शाखा में देकर कराया जाए।
इसमें पेंशन, नियुक्ति, स्थापना से जुड़े मामले आएंगे। सौ दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों का अंतिम निराकरण कर निराकरण प्रतिवेदन पोर्टल पर दर्ज कराते हुए शिकायतों को एक सप्ताह के भीतर निराकृत कराएं। निकाय अंतर्गत एक से चार लेबल पर अंकित शिकायतों का निराकरण ग्रेडिंग दिनांक के पूर्व तक अनिवार्यत: कराना होगा। लंबित शिकायतों की संख्या में कमी वेटेज केअंतर्गत इससे विभाग को अििधक अंक मिल सकेंगे। प्राप्त शिकायतों को समयसीमा में निराकृत कर प्रतिवेदन आॅनलाईन पोर्टल पर दर्ज कराना होगा। किसी भी प्राप्त शिकायत को नॉट अटेंडेंट न होने दें। लेवल चार पर लंबित शिकायतों में प्रतिवेदन आॅनलाईन पोर्टल पर संबंधित निकाय के लेवल एक या दो अधिकारी द्वारा मान्य हेतु दर्ज किया जाए। केवल लेवल चार पर मान्य या अमान्य हेतु लंबित शिकायतों को मान्य,अमान्य, स्पेशल क्लोजर की कार्यवाही संबंधित लेवल तीन अधिकारी द्वारा समय सीमा में की जाए।
आगामी ग्रेडिंग में अस्सी फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करना सभी निकायों को अनिवार्य किया गया है। इसके लिए सात बिन्दुओं पर काम करने को कहा गया है। दिसंबर तक जो भी शिकायतें प्राप्त हुई है उनमें लंबित और आंशिक बंद शिकायतों का निराकरण केवल शिकायतकर्ता की संतुष्टि के साथ ही 19 जनवरी के पहले अनिवार्यत:करना होगा। इसके अलावा जो शिकायतें विभाग या निकाय से संबंधित नहीं है उन्हें दूसरे विभाग या निकाय को स्थानांतरित करना होगा ताकि उनका समयसीमा पर निपटारा हो।
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