भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई एक जिला एक उत्पाद स्कीम के रिजल्ट आने लगे हैं। अब तक 12 जिलों की रिपोर्ट सकारात्मक आने से सरकार ने इसे बढ़ावा देने का फैसला लिया है। कई जिलों के उत्पादों की जीआई टैगिंग के निर्देश भी मुख्यमंत्री चौहान ने दिए हैं। उज्जैन में पोहा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पोहा क्लस्टर के लिए संभावित निवेशकों के साथ बैठक हुई है तो मुरैना की गजक का जीआई टैंगिंग के लिए आवेदन हुआ है। इसे बढ़ावा देने के लिए गजक निर्माता संघ का निर्माण किया गया है। इसे लेकर कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। सीएम चौहान ने कल वीडियो कांफ्रेंसिंग की समीक्षा के दौरान कलेक्टरों से इसको लेकर फीडबैक भी लिया है।
एक जिला-एक उत्पाद योजना के अंतर्गत निवाड़ी में अदरक, जबलपुर में मटर, सतना में बर्तन, अनूपपुर में कोदो, शहद, गुलबकावली अर्क, खरगौन में मिर्ची और कपास तथा बुरहानपुर में केला चिप्स उत्पादों की ब्रांडिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने विशेष रूप से अनूपपुर जिले के काम को सराहा है। इस योजना में गुना में धनिया प्रसंस्करण प्लांट चालू हो रहे हैं। इसकी डीपीआर बनाई जा रही है। मंडला में कोदो-कुटकी तथा भोपाल में जरी-जरदोरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन्हें फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि से लिंक भी किया जा रहा है।
बुरहानपुर में केले के चिप्स के एमएसएमई एवं स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना बनाई जा चुकी है। केले के कचरे के डिस्पोजल हेतु बायो सीएनजी परियोजना की पहल की गई है। राजगढ़ में संतरा प्रसंस्करण के लिए एफपीओ गठन करने किसानों के समूह की पहचान की गई है। संतरा कल्टीवेशन की बेस्ट प्रेक्टिस से उन्हें अवगत कराने हेतु प्रशिक्षण शिविर प्रस्तावित है। खरगौन जिले में मिर्च प्रसंस्करण की संभावनाएं तलाशने सर्वेक्षण किया गया है। इन्दौर जिले में पोटैटो चिप्स की इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने हेतु मार्केट लिंकेज तथा ड्यूरम गेहूं के लिए फंडिंग एवं प्रोसेसिंग के लिए काम हुए हैं। जबलपुर में मटर के ब्रांड एवं गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन और कोल्ड स्टोरेज अधोसंरचना विकास तथा रेडीमेड गारमेंट्स क्लस्टर की ब्रांडिंग के लिए काम हुआ है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि किसी से कोई राग नहीं द्वेष नहीं एक मात्र जिद जुनून और जजबा है। समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश का निर्माण और मध्यप्रदेश की जनता का कल्याण हो वही अपनी भगवान है। इसलिए एजेंडा हम तय करते है।सारे फील्ड के अफसरों कलेक्टर एसपी कमिश्नर, आईजी को देते है, महीने भर का रोडमैप तय होता है। उस पर एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगते है। पालन प्रतिवेदन आता है तो जो अच्छा काम करते हैउन्हे बधाईदेते है पुरस्कृत करेंगे। जहां गड़बड़ होती है वहां सख्त होना जरुरी है। सख्त होता हूं तो अपनी जनता के लिए होता हूं, मध्यप्रदेश के लिए होता हूं।
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