लखनऊ
यूपी की राजधानी लखनऊ में एक अगस्त से नया डीएम सर्किल रेट लागू हो गया है. इससे अब जमीन, मकान या दुकान खरीदने वालों को न सिर्फ ज्यादा कीमत चुकानी होगी, बल्कि अब इलाके की सड़क, प्लॉट का उपयोग और आसपास की गतिविधियों की भी अहम भूमिका होगी. 10 साल बाद सर्किल रेट में यह बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता आने की उम्मीद है और साथ ही बिल्डरों की मनमानी पर भी अंकुश लगने की संभावना है.
हाई-डिमांड इलाकों में सर्किल रेट दो से तीन गुना बढ़ा
लखनऊ, जो अब देश के प्रमुख मेट्रो शहरों की कतार में तेजी से खड़ा हो रहा है, उसमें यह बदलाव विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. गोमती नगर, अंसल, शहीद पथ और शालीमार वन वर्ल्ड जैसे पॉश और हाई-डिमांड इलाकों में सर्किल रेट को दो से तीन गुना तक बढ़ाया गया है. इन क्षेत्रों में हाईराइज टावर, होटल, शॉपिंग मॉल और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की मांग के चलते जमीन की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है.
डिफेंस कॉरिडोर क्षेत्र के लिए सर्किल रेट ₹17,000 प्रति वर्ग मीटर
पिछले कुछ वर्षों में आउटर रिंग रोड, किसान पथ और विभिन्न एक्सप्रेसवे के आसपास भी 20 से 30 फीसदी तक रेट बढ़ाए गए हैं. सरकार का उद्देश्य इन इलाकों में इंडस्ट्री और निवेश को प्रोत्साहन देना है. आंकड़ों की मानें तो लखनऊ में अब तक दो लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. इसी कड़ी में भटगांव स्थित डिफेंस कॉरिडोर क्षेत्र के लिए सर्किल रेट ₹17,000 प्रति वर्ग मीटर तय किया गया है, ताकि उद्योगों की स्थापना आसान हो सके.
डीएम विशाख जी ने बताया कि पिछली बार 2015 में सर्किल रेट में संशोधन हुआ था. तब से अब तक शहर की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया है. उन्होंने बताया कि एक जुलाई को प्रस्तावित दरों पर कुल 49 आपत्तियां प्राप्त हुईं, जिनमें से अधिकांश में दरें बढ़ाने की मांग की गई थी.
गोमती नगर सबसे महंगा इलाका
शहर की 26 प्रमुख कॉलोनियों के रेट इस बार अपडेट किए गए हैं. सबसे महंगे इलाके में गोमती नगर रहा, जहां सर्किल रेट ₹77,000 प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गया है. इसके बाद महानगर में ₹41,000 से ₹65,000 और इंदिरा नगर में ₹35,000 से ₹62,000 तक की दरें तय की गई हैं. वहीं सबसे सस्ती कॉलोनियों में अनंतनगर ₹15,000–₹18,000 और संतुष्टि एन्क्लेव ₹7,000–₹10,000 शामिल हैं.
इस बदलाव के बाद जहां प्रॉपर्टी खरीदना थोड़ा महंगा हुआ है, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ने और सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतरने में मदद मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. साथ ही, यह कदम लखनऊ को निवेश और विकास की दृष्टि से और अधिक सशक्त बना सकता है.
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