रायपुर
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर और विबग्योर (एन.ई. फाउंडेशन) द्वारा संयुक्त रूप से 26 से 28 सितंबर, तक रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय आॅडिटोरियम में छत्तीसगढ़ ग्रीन समिट (लोक बियॉन्ड फोक) का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिष्ठित लोकमंथन 2024 का अग्रदूत यह सम्मेलन छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने और उसे बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में आयोजित किया जा रहा है जो हमारी स्वदेशी परंपराओं में निहित हैं।
लोकमंथन के पहले चरण के रूप में, छत्तीसगढ़ ग्रीन समिट स्थिरता, पर्यावरण चेतना और क्षेत्र की स्वदेशी परंपराओं में गहराई से अंतर्निहित सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। सम्मेलन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की विविध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना है,और इस विरासत को बनाए रखने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देना है। विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से, यह सम्मेलन स्वदेशी लोगों की बहुमुखी टिकाऊ प्रथाओं और पर्यावरण पर उनके दृष्टिकोणों का पता लगाएगा, और प्रतिभागियों के लिए सीखने के अवसर प्रदान करेगा।
इस सम्मेलन में गैर-लकड़ी वन उत्पादों के सतत औद्योगिकीकरण के लिए वन नीति, वन संरक्षण के लिए सामुदायिक मॉडल, वानिकी क्षेत्र के लिए कार्बन क्रेडिट, औषधीय पौधों और मशरूम के सतत उपयोग में तकनीकी प्रगति, वन प्रबंधन में रणनीतिक योजना, टिकाऊ शहरों के लिए शहरी वानिकी, वन संरक्षण के लिए एक उपकरण के रूप में इकोटूरिज्म और वन-निवासी समुदायों के विकास के दृष्टिकोण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सेमिनार और पैनल डिस्कशन आयोजित होंगे।
इन सेमिनारों के अलावा, छत्तीसगढ़ ग्रीन समिट में लाइव लूम वॉक-थ्रू, छत्तीसगढ़ के स्वदेशी व्यंजन, ओपन-एयर लाइव प्रदर्शन, स्वदेशी धुन और नृत्य, वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति, स्वदेशी कहानी के माध्यम से लोकगीत, कठपुतली शो, स्वदेशी मंत्रोच्चार, हरित उद्यम और स्वदेशी टैटू का प्रदर्शन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ ग्रीन समिट 2024 में उपस्थित लोगों को विचारों का आदान-प्रदान करने, ज्ञान प्राप्त करने और विभिन्न हितधारकों के साथ साझेदारी स्थापित करने का अवसर मिलेगा। इस दौरान प्रतिभागी नीति निमार्ताओं, हरित पेशेवरों और नवोदित उद्यमियों के साथ नेटवर्क बनाएंगे, हरित प्रथाओं, उत्पादों और सेवाओं को अपनाने में उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे। सम्मेलन में शैक्षणिक सत्र, पेपर प्रस्तुतियाँ और राज्य की हरित और स्वदेशी प्रथाओं पर केंद्रित जीवंत कला और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी शामिल हैं।
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