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छत्रपति शिवाजी ने रखी थी हिन्दू साम्राज्य के पुरूषार्थ की नीव

वनवासी कल्याण परिषद में हुई हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव पर संगोष्ठी

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भोपल। विदेशी आक्रांताओं के दुष्चक्र में फंसे हिंदू समाज का मनोबल जब टूट रहा था तब छत्रपति शिवाजी जी महराज ने हिन्दू साम्राज्य के पुरूषार्थ की नीव रही। यह कहना था वनवासी कल्याण परिषद के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री संदीप कविश्वर का। वह हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव पर्व पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। आयोजन मध्य प्रांत कार्यालय द्वारा एमपी नगर जोन एक स्थित एकल्व संकुल में किया गया था। इस अवसर पर संगठन मंत्री अतुल जोग, महामंत्री योगीराज परते और क्षेत्र संगठन मंत्री प्रवीण डोलके प्रमुख रूप से मौजूद थे।
यहां अपनी बात रखते हुए श्री कविश्वर ने कहा कि घोर निराशा के उस दौर में जब हिंदू समाज आहत था, तब विपरीत सामाजिक परिस्थितियों के बाद भी शिवाजी महाराज ने न केवल अल्पायु में हिन्दू समाज को एक जुट करने का काम किया बल्कि, देशी हिन्दू राजाओं का सुरक्षा कवच बनकर विदेशी आक्रांताओं के लिये भय का कारण बनन गये थे। विशेष प्रकार के युद्ध कौशलों का परिचय देते हुए उन्होंने आगरा और पंढ़ाणा के किलों के इतर 260 किले जीतकर हिन्दू साम्राज्य की नीव रखी। इसके पहले उन्होंने सभी प्रकार की चिंता करते हुए लोगों का जहां भरोसा जीता। वहीं दूसरी ओर मन में जीतने की आकांक्षा और विजय का विश्वास दिलाया। संगोष्ठी में कमल प्रेमचंदानी, संजय सक्सेना, कार्यालय मंत्री मधु धनगर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

छत्रपति में यह भी किया
हिन्दू समाज में बुद्धि, चातुर्य, भक्ति जगाने का काम किया। घर वापसी का संदेश दिया। मंदिर व तीर्थस्थलों का विकास, नौसेना की नीव रखी। हिन्दू समाज का एकत्रीकरण, धर्मनिष्ठ समाज का निर्माण, सैनिकों का भरोसा जीता

इन खूबियों ने बनाया छत्रपति
शिवाजी महाराज में हिन्दू साम्राज्य स्थापित किया। यह आज के अफगानिस्तान तक था। इनमें कई खूबियां थी। जिनमें कुशल रणनीतिकार, कूटनीतिज्ञ, बेहतर आर्थिक प्रबंधक, कुशल योद्धा और आध्यात्मिकता प्रमुख थी।

क्या है हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव
छत्रपति शिवाजी महाराज का 349 साल पहले जेष्ठ शुक्ल त्रयोदशी के दिन 1674 को राज्याभिषेक हुआ था। तब यह दिन संपूर्ण हिन्दू समाज के लिए गौरव दिवस था। अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार इसकी वर्षगांठ आज शुक्रवार 2 जून को मनाई गई। इस याद को अक्षुण्य बनाए रखने तथा आम जनमानस को प्रेरित करने के लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा इस दिन को हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव पर्व के रूप में मनाया जाता है।

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