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कनाडाई सेना ने जंगल की आग से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला

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ओटावा
कनाडाई सेना ने देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में जंगल की भीषण आग के बीच सैकड़ों लोगों को हवाई मार्ग से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा वर्तमान में अपने सबसे खराब दावानल के दौर का दंश झेल रहा है।  देश भर में लगभग 1,100 स्थाननों पर जंगलों में आग धधक रही है। अब तक कुल 1.32 करोड़ हेक्टेयर भूमि जल चुकी है। यह लगभग ग्रीस के आकार के बराबर है।

भीषण दावानल के परिणामस्वरूप, कनाडाई सरकार ने आग से लड़ने और निकासी के समन्वय में मदद करने के लिए उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में सेना तैनात की है।  रात, क्षेत्रीय राजधानी येलोनाइफ़ ने जंगल की आग के “आसन्न खतरे” के कारण स्थानीय आपातकाल की घोषणा कर दी। यह घोषणा शहर को खतरे से पहले ही कदम उठाने और निवासियों को नोटिस मिलने पर तुरंत दूसरी जगह जाने के लिए तैयार रहने के उद्देश्यो से की गई है। उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में इस जुलाई में रिकॉर्ड तापमान देखा गया, जो फोर्ट गुड होप में 37.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ब्रिटिश कोलंबिया में भी दावानल धधक रहे हैं जहां इस सप्ताह रिकॉर्ड-उच्च तापमान के कारण कई मौसम विभाग ने कई चेतावनी जारी की है।

खालिस्तान रैली को लेकर वाशिंगटन में भारतीय दूतावास पर अभूतपूर्व सुरक्षा

वाशिंगटन
अमेरिका ने खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन को देखते हुए मंगलवार को वाशिंगटन डी.सी. में भारतीय दूतावास पर अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की। स्थानीय मेट्रोपॉलिटन पुलिस और यूएस पार्क पुलिस के सशस्त्र अधिकारियों ने दूतावास के चारों ओर एक सुरक्षात्मक घेरा बना दिया। दूतावास वाशिंगटन डी.सी. शहर के एक व्यस्त मार्ग पर स्थित है। कुछ अधिकारीयों को विशेष रूप से महात्मा गांधी की प्रतिमा के करीब तैनात किया गया था।

मोटरसाइकिल पर सवार अधिकारियों का एक दस्ता दूतावास के किनारे सड़क पर तैनात रहा, वहीं यूएस पार्क पुलिस के अधिकारी घोड़े पर सवार होकर दूतावास के चक्कर लगाते हुए इलाके में गश्त करते हुए दिखाई दिए। भारतीय दूतावास में अमेरिका द्वारा लगाई गई सुरक्षा अभूतपूर्व है। इससे पहले भारत द्वारा उठायी गयी चिंताओं पर उसी तत्परता से कभी एक्शन नहीं लिया गया। स्वतंत्रता दिवस के कारण 15 अगस्त को दूतावास बंद रहा, लेकिन कुछ कर्मचारी ड्यूटी पर थे। मुख्य ध्वजारोहण कार्यक्रम पहले अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के आवास पर आयोजित किया गया।

प्रदर्शनकारियों को दूतावास भवन और गांधी प्रतिमा के बीच सड़क पर जाने की अनुमति दी गई। वे दोपहर के आसपास झंडों, तख्तियों और बैनरों के साथ वहां इकट्ठा होने लगे और अगले एक या दो घंटे तक नारे लगाते रहे और भाषण देते रहे। समय-समय पर घुड़सवार पुलिस कार्यक्रम स्थल के चारों ओर घूमती रही। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में संदिग्ध खालिस्तान कार्यकर्ताओं द्वारा आगजनी और बर्बरता की हालिया घटनाओं के मद्देनजर भारतीय दूतावास में इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी, इसके लिए दूतावास अमेरिकी सुरक्षा बलों के साथ लगातार संपर्क में था।

 

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