Budget 2021: सरकार का पूरा फोकस चुनौतियों को ध्यान में रखकर हाईब्रिड थीम पर शिक्षा को आगे बढ़ाना
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच के कारण ही आज भारत वैश्विक महामारी कोविड-19 में वैक्सीन से लेकर ऑनलाइन शिक्षा में इतिहास रच रहा है।
जहां विकसित देशों ने 2020 -21 सत्र को जीरो ईयर घोषित कर दिया तो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जीरो ईयर न करके छात्रों का एक साल खराब होने से बचाया। अब केंद्रीय बजट में सरकार का पूरा फोकस चुनौतियों को ध्यान में रखकर हाईब्रिड थीम पर शिक्षा को आगे बढ़ाना है।
डिजिटल और दूरदराज के आखिरी छात्र तक शिक्षा पहुंचाने के लिए नई योजना लायी जाएगी। इसके लिए देश के शिक्षा बजट में 5 से 7 या 8 फीसदी तक बढ़ोतरी की भी उम्मीद है।
केंद्रय वितमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, महामारी के बाद अब शिक्षा को तकनीक से जोड़ने पर अधिक फोकस होगा। इसीलिए बजट में हाईब्रिड थीम पर शिक्षा के लिए खास प्रावधान होगा।
इससे पहले आत्मनिर्भर भारत अभियान में भी देश को शिक्षा को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया गया है। ऐसे में उम्मीद है कि शिक्षा बजट में 2021 सत्र से स्कूल और कॉलेज खुलने के बाद भी पारंपरिक क्लासरूम के साथ ऑनलाइन क्लासेज को जारी रखने पर जोर होगा।
इसके तहत विशेष पाठ्यक्रम भी तैयार करना है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड होंगे। यानी क्लासरूम और ऑनलाइन दोनों को मिलाकर आधारित पाठ्यक्रम से पढ़ाई होगी। इसके लिए ऑनलाइन लाइब्रेरी लैब से लेकर क्लासरूम को स्मार्ट क्लासरूम में बदला जाना है।
इसके अलावा शिक्षकों को टेक्नोलॉजी से जोड़कर पढ़ाई करवाने के लिए विशेष ट्रेनिंग अभियान भी शुरू करना है। स्कूलों से ही छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास की ट्रेनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे नए कोर्स, इंटर्नशिप आदि पर काम होना है।
केंद्रीय बजट 2020 में शिक्षा के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट मिला था। हालांकि केंद्रीय बजट 2021 में यह सवा लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
बजट में रिसर्च, इनोवेशन और स्टार्टअप के बजट में भी बढ़ोकरी होने की संभावना है। दरअसल 2021 सत्र से नई शिक्षा नीति 2020 के तहत नेशनल एजुकेशन टेक्नोलॉजी फोरम और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन काम करना शुरू करेगा। इसे लागू करने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों में सेटअप किया जाना है।
नई शिक्षा नीति 2020 में आठवीं और 10वीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों को 12वीं कक्षा तक अपग्रेड किया जाना है। आत्मनिर्भर भारत अभियान में प्रति कक्षा प्रति टीवी चैनल योजना को अमलीजामा पहनाना है। गांव पंचायत भी शिक्षा में शामिल करना है। पंचायत भवनों में छात्र टीवी आदि के माध्यम से ऑनलाइन सरकारी योजनाओं का लाभ ले पाएंगे। इसके अलावा मिड-डे मील में दुपहर के भोजन के साथ नाश्ते को शामिल करने की भी घोषणा होगी।
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