राजस्थान में बीजेपी की चुनावी रणनीति, जिन इलाकों से कम वोट मिले उनपर सबसे ज्यादा फोकस

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जयपुर.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोटपूतली से राजस्थान में अपने चुनावी कैंपेन की शुरुआत कर दी। इस दौरान उन्होंने यह बोला भी कि पिछले लोकसभा चुनावों में भी उनकी पहली सभा ढूंढाड़ से ही हुई थी। बात करें जयपुर ग्रामीण लोकसभा की तो यहां मोदी की सभा के लिए कोटपूतली के चयन के कई मायने हैं। इस बार लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने जयपुर ग्रामीण से राव राजेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है।

उनके लिए यह सीट नई नहीं है, 2009 के लोकसभा चुनावों में भी राव राजेंद्र सिंह बीजेपी के टिकट पर इसी लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए खड़े हुए थे। इस लोकसभा सीट में आने वाली 8 विधानसभा आमेर, बानसूर, जमवारामगढ़, झोटवाड़ा, कोटपूतली, फुलेरा, शाहपुरा और विराटनगर में से इन चुनावों में राव राजेंद्र को सबसे कम वोट कोटपूतली से ही मिले थे। कोटपूतली से इन चुनावों में 77790 वोट डाले गए जिसमें राव राजेंद्र को मात्र 15,233 वोट ही मिले। जबकि निर्दलीय चुनाव लड़े सुखबीर सिंह जोनापुरिया को यहां 33224 वोट मिले। हालांकि इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में यह तस्वीर बदली। बीजेपी के प्रत्याशी राज्यवर्धन राठौड़ ने ये दोनों चुनाव जीते। इन चुनावों में राठौड़ ने हर विधानसभा से लीड भी ली। 

यादव और गुर्जर वोटर बड़ी संख्या में
कोटपूतली में यादव और गुर्जर वोटर बड़ी संख्या में हैं। गुर्जर समुदाय से आने वाले सुखबीर सिंह जोनापुरिया अब बीजेपी के सांसद हैं। वहीं इस बार कोटपूतली विधानसभा से भी बीजेपी के सांसद हंसराज पटेल ही जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इसके अलावा 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर यहां से जीतने वाले राजेंद्र यादव भी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।

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