महाकाल में नववर्ष पर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था तय, काल भैरव मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं
उज्जैन
बाबा महाकाल के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। 2024 के आखिरी और नए साल 2025 के शुरुआती दिनों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर समिति ने बड़ा फैसला लिया है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन को सुगम बनाने के लिए समिति ने नई व्यवस्था लागू की है। समिति अध्यक्ष व कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने निर्धारित किया है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को ऑनलाइन-ऑफलाइन भस्मआरती बुकिंग बंद रहेगी। दोनों दिन चलित भस्मआरती का विकल्प रखा है। सुबह 4.15 बजे से श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम् से आरती का लाभ ले सकेंगे।
45 मिनट में दर्शन होने का दावा
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का दावा है कि नई व्यवस्था के मुताबिक, 40 से 45 मिनट में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर पाएंगे। मंदिर प्रबंध समिति ने महाशिवरात्रि पर आए दर्शनार्थियों को देखते हुए दिसंबर के आखिरी दिनों और नए साल के पहले सप्ताह में 10 से 15 लाख दर्शनार्थी आने की उम्मीद जताई है।
कालभैरव मंदिर में प्रवेश बंद
इधर उज्जैन के श्री कालभैरव मंदिर में 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक गर्भगृह में प्रवेश पूर्ण रूप से बंद रहेगा। मंदिरों में ड्यूटीरत कर्मियों को बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करने की सीख दी गई है। कलेक्टर ने 29 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिफ्टवार ड्यूटी लगाई जाने के निर्देश दिए हैं।
कहां से होगी एंट्री, कैसे आएंगे बाहर
सामान्य दर्शनार्थियों के लिए व्यवस्था
सामान्य श्रद्धालु चारधाम मंदिर पार्किंग से प्रवेश करेंगे। यहां से संग्रहालय के पास नंदी द्वार भवन, फेसेलिटी सेंटर 1 टनल, शक्ति पथ, त्रिवेणी, श्री महाकाल, मानसरोवर, नवीन टनल 1, और गणेश मंडपम् होते हुए श्री महाकालेश्वर के दर्शन करेंगे। दर्शन के बाद आपातकालीन निर्गम द्वार से बाहर निकलकर बड़ा गणेश मंदिर के पास हरसिद्धि मंदिर तिराहे पहुंचेंगे और अंत में चारधाम मंदिर पर वापस आकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे।
जब श्रद्धालुओं की संख्या बढ़े
यदि दर्शनार्थियों की संख्या अधिक हो जाती है, तो फेसेलिटी सेंटर 1 से मंदिर परिसर के निर्गम रैंप, गणेश मंडपम् और नवीन टनल के दोनों ओर से दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। भीड़ और अधिक होने पर श्रद्धालुओं को सीधे फेसेलिटी सेंटर 1 से कार्तिकेय मंडपम् में प्रवेश दिलाया जाएगा। दर्शन के बाद द्वार नंबर 10 या निर्माल्य द्वार से बाहर निकलने की व्यवस्था रहेगी।
वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए व्यवस्था
विशेष श्रेणी के दर्शनार्थी नीलकंठ द्वार से प्रवेश करेंगे। यहां से त्रिनेत्र (महाकाल लोक कंट्रोल रूम के सामने) होते हुए शंख द्वार, कोटितीर्थ कुंड और सभा मंडपम् के जरिए मंदिर में प्रवेश किया जाएगा। दर्शन के बाद, सभा मंडपम् से कोटितीर्थ कुंड, शंख द्वार, त्रिनेत्र और नीलकंठ द्वार के माध्यम से बाहर जाने का मार्ग तय होगा।
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