पंजाब के मोहाली में पार्किंग विवाद के बाद एक युवा वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक स्वर्णकार की मौत, बुरी तरह पटका और मुक्के जड़े

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चंडीगढ़
पंजाब के मोहाली में पार्किंग विवाद के बाद एक युवा वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक स्वर्णकार की मौत हो गई। यह घटना चौंकाने वाली है कि कैसे महज एक बाइक को खड़ा करने को लेकर विवाद बढ़ा तो पड़ोसी ने ही वैज्ञानिक की बुरी तरह पिटाई कर दी। इस घटना के बाद उनकी मौत हो गई। 29 साल के डॉ, अभिषेक मोहाली के सेक्टर 67 में अपने परिजनों के साथ रहते थे। वह इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के साथ काम कर रहे थे। वह मोहाली में किराये पर रहते थे। जानकारी के अनुसार वह मंगलवार की रात को जब लौटे तो बाइक पार्क कर दी। इस पर पड़ोस के मोंटी और कुछ अन्य लोगों ने ऐतराज जताया। पड़ोसी ने पहले तो गाली-गलौज की। फिर उनसे धक्का-मुक्की शुरू कर दी और उन्हें जमीन पर पटक दिया। इसके बाद डॉ. अभिषेक पर मुक्के जड़े गए।

स्विटजरलैंड में काम कर चुके डॉ. अभिषेक मूल रूप से झारखंड के धनबाद के रहने वाले थे। कई मशहूर इंटरनेशनल जर्नल में उनके रिसर्च पेपर भी छपे हैं। हाल ही में वह भारत लौटे थे तो मोहाली के IISER का हिस्सा बने और प्रोजेक्ट साइंटिस्ट के तौर पर काम कर रहे थे। साइंटिस्ट के भाई स्वयं स्वर्ण ने बताया कि अक्तूबर 2020 में आईआईएसईआर में अभिषेक ने ज्वाइन किया था। वे अपने माता-पिता के साथ किराए के फ्लैट में रहते थे। कतरास में उनके आवास पर कोई नहीं रहता है। मोहाली सेक्टर-67 में मंगलवार की शाम लगभग 8:30 बजे बाइक पार्क करने को लेकर पड़ोसी युवक के साथ अभिषेक का विवाद हुआ। पड़ोसी ने पहले गाली गलौज की। इसके बाद उसने धक्का-मुक्की शुरू कर दी।

परिवार का आरोप है कि पेट में मुक्का मारने से अभिषेक गली में गिर गए और वह उठ नहीं पाए। फिर आरोपी उन्हें अपनी गाड़ी से फोर्टिस अस्पताल ले गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मारपीट की घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है। घटना की खबर से उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतक के भाई ने बताया कि अभिषेक का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। साथ ही डायलिसिस चल रही थी। परिजनों व पड़ोसियों का कहना है कि आरोपी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मृतक के मामा के बेटे ने बताया कि अभिषेक होनहार वैज्ञानिक थे। वह अमेरिका समेत कई देशों में काम कर चुके थे, लेकिन कुछ समय पहले तबीयत खराब होने पर भारत आ गए थे।
किडनी ट्रांसप्लांट कराया था, पैरेंट्स के साथ रहते थे अभिषेक

परिवार में उनकी दो बहनें और बुजुर्ग माता-पिता हैं। उनके पिता पहले ज्वेलरी का काम करते थे। बेटियों की शादी हो चुकी है और वे अब अपने बेटे के साथ ही रहते थे। कुछ समय पहले उसका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, बहन ने उन्हें अपनी किडनी दी थी। आईआईएसईआर से पता चला है कि साइंटिस्ट अभिषेक काफी होनहार थे। उसका साइंस के प्रतिष्ठित जनरल साइंस में रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ था। इस वजह से उसे आईआईएसईआर में मौका मिला था। वहीं संस्थान के लोगों का कहना है कि बहुत बड़ी क्षति हुई है। उसकी साइंस को लेकर रुचि देखते ही बनता था।

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