नई दिल्ली
सरकार ने सोमवार को जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े शेयर किए, जो राहत भरे हैं. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें, तो अगस्त महीने में कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में 6.5 फीसदी ज्यादा है. बता दें कि अगस्त 2024 में 1.75 लाख करोड़ रुपये रहा था. वहीं बात इससे पिछले महीने की करें, तो जुलाई 2025 में जीएसटी संग्रह से सरकार के खजाने में 1.96 लाख करोड़ रुपये आए थे.
रेवेन्यू में जोरदार उछाल का असर
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू राजस्व में उछाल की वजह से अगस्त में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर पहुंच गया. बीते महीने ये रेवेन्यू 9.6 फीसदी बढ़कर 1.37 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात कर 1.2 फीसदी की गिरावट के साथ 49,354 करोड़ रुपये रह गया. जीएसटी रिफंड पर नजर डालें, तो साल-दर-साल 20 फीसदी घटकर 19,359 करोड़ रुपये रह गया.
अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड कलेक्शन
जीएसटी कलेक्शन के अब तक के सबसे बड़े आंकड़े पर नजर डालें, तो ये इस साल अप्रैल महीने में रहा था, जब सरकार के जीएसटी संग्रह से 2.37 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. ये जीएसटी के लागू होने के बाद से अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन था.
गौर करने वाली बात है कि जोरदार जीएसटी कलेक्शन का ये आंकड़ा ऐसे समय में आया है, जबकि दो दिन बाद जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है. इसमें जीएसटी रिफॉर्म के तहत टैक्स स्लैब की संख्या को कम करने, जीएसटी रेट्स को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा होने वाली है.
देश में जीएसटी में बदलाव की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म को लेकर ऐलान किया था. उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि सरकार अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लेकर आ रही है और इससे आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम होगा. उन्होंने इसके दिवाली से पहले लागू होने की उम्मीद जताई थी. नई जीएसटी व्यवस्था में कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए सिर्फ दो दरें, 5% और 18%, लागू करने का प्रस्ताव है.
जीओएम की मंजूरी, 3-4 सितंबर को बैठक
बीते 20 और 21 अगस्त को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) की नई दिल्ली में हुई बैठक में दो टैक्स स्लैब के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए 12% और 28% जीएसटी स्लैब को खत्म करने पर सहमति जताई गई. इसमें शामिल सदस्यों ने 5% और 18% जीएसटी स्लैब के प्रस्ताव को मंजूर किया. हालांकि, सरकार को इस जीएसटी रिफॉर्म ससे करीब 40,000 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान की आशंका है. अब जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को होने वाली है, जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम मुहर लगेगी.
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