साध्वी ऋतंभरा के विवादास्पद बयान पर खूब खिंचाई, ‘लड़कियां नंगी होकर काम’ टिप्पणी से मचा हंगामा

हरिद्वार
भारत में धर्मगुरुओं के महिलाओं और लड़कियों को लेकर विवादित बयानों का दौर लगातार जारी है। हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद जी महाराज के बाद अब साध्वी ऋतंभरा ने भी इस सूची में अपना नाम जोड़ा है। साध्वी ऋतंभरा ने हिंदू लड़कियों के रील्स बनाने और उनकी आधुनिक जीवनशैली पर कड़ी टिप्पणी की है जिससे विवाद फिर से उभर कर सामने आया है।
साध्वी ऋतंभरा के विवादित बयान
साध्वी ऋतंभरा, जिन्हें 'दीदी मां' के नाम से जाना जाता है, ने अपने एक प्रवचन में कहा कि "हिंदू लड़कियों को देखकर शर्म आती है।" उन्होंने आरोप लगाया कि लड़कियां गंदे ठुमके लगाकर और गंदे गाने गाकर पैसे कमाती हैं। उनका कहना था कि इनके पति और पिता भी पैसों के कारण कुछ नहीं कहते। साध्वी ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर घर में गंदी कमाई आती है तो पूर्वज तड़पने लग जाते हैं।" यह बयान मार्च महीने का है लेकिन हाल ही में अन्य धर्मगुरुओं के विवादित बयानों के कारण यह फिर से चर्चा में आ गया है।
साध्वी ऋतंभरा ने खासकर सोशल मीडिया पर लड़कियों और महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले रील्स पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रील्स में ठुमके लगाना, गंदे गाने बजाना और कम कपड़े पहनना आम बात हो गई है। साध्वी ने महिलाओं से अपील की कि वे मर्यादित जीवन जीएं और अपनी जीवनशैली सुधारें। साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं और वर्तमान में ‘वात्सल्य ग्राम’ नामक आश्रम चलाती हैं जहां अनाथ बच्चों और विधवा या परित्यक्त महिलाओं को आश्रय दिया जाता है।
प्रेमानंद महाराज के विवादित बयान
साध्वी ऋतंभरा से पहले वृंदावन के प्रेमानंद महाराज भी महिलाओं और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि आजकल की 100 लड़कियों में से मुश्किल से दो-चार ही पवित्र होती हैं, बाकी सभी बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में लगी रहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो युवक या युवती कई लोगों के साथ संबंध बनाते हैं, वे बाद में अपने पति या पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाते क्योंकि उन्हें व्यभिचार की आदत लग जाती है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
अनिरुद्धाचार्य का भी विवादित बयान
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने भी कुछ समय पहले कहा था कि लड़कियों की शादी 25 साल से पहले हो जानी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा न होने पर लड़कियों के 4-5 बॉयफ्रेंड बन जाते हैं, जो उनके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। अनिरुद्धाचार्य ने सोशल मीडिया और आधुनिक जीवनशैली को लड़कियों के जीवन में अस्थिरता का कारण बताया और माता-पिता से कहा कि वे समय रहते बेटियों की शादी तय करें।
इन धर्मगुरुओं के बयानों ने महिलाओं की भूमिका, आधुनिक जीवनशैली और नैतिक मूल्यों पर समाज में गहरी बहस छेड़ दी है। कई लोग इन बयानों को महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और पिछड़ेपन भरा मानते हैं, तो कुछ लोग इसे समाज में पारंपरिक मूल्यों की रक्षा के रूप में देखते हैं।
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