वॉशिंगटन
Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक, जिसके आने का इंतजार भारत में बेसब्री से किया जा रहा है, गुरुवार को आउटेज का शिकार हो गई। करीब ढाई घंटों तक हजारों की संख्या में स्टारलिंक के सब्सक्राइबर्स इंटरनेट नहीं चला सके। तमाम देशों में यह आउटेज रिपोर्ट किया गया। कुछ लोगों ने इस बात पर निश्चिंतता जताई कि उनके पास 5जी नेटवर्क है। सैटेलाइट इंटरनेट को ब्रॉडबैंड और 5जी नेटवर्क से ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है, खासतौर पर आपदा की स्थिति में। ऐसे में उसका बंद होने सवाल पैदा करता है। स्टारलिंक में यह आउटेज क्यों आया, इसकी वजह भी आपको जाननी चाहिए।
क्या है स्टारलिंक आउटेज
रिपोर्टों के अनुसार, स्टारलिंक नेटवर्क में गुरुवार को दिक्कत आ गई थी। इसके चलते लोग इंटरनेट नहीं चला सके। हजारों की संख्या में लोग परेशान हुए। रिपोर्टों के अनुसार, इस तरह के आउटेज को रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर 55 हजार से ज्यादा रिपोर्ट आईं। यानी काफी ज्यादा संख्या में लोग इंटरनेट नहीं चला पा रहे थे। कंपनी ने इस आउटेज की बात स्वीकार की। कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि दोबारा से ऐसा नहीं हो। एलन मस्क भी इस आउटेज को लेकर व्यथित दिखाई दिए।
एलन मस्क ने मांगी माफी
स्टारलिंक की सर्विस में आई रुकावट पर एलन मस्क ने भी माफी मांगी। उन्होंने कहा कि स्पेसएक्स सुनिश्चित करेगी कि आगे से इस तरह की रुकावट ना आए। कंपनी दुनिया के 130 से ज्यादा देशों में अपनी सर्विस देती है। सर्विस में रुकावट की कंप्लेंट दुनियाभर से आई। यूरोपीय देश जर्मनी हो या फिर जिम्बॉब्वे, स्टारलिंक के सब्सक्राइबर्स कई घंटों तक रुकावट झेलते रहे।
स्टारलिंक की सर्विस में क्या थी परेशानी
स्टारलिंक के वीपी ऑफ इंजीनियरिंग Michael Nicolls ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि लगभग 2.5 घंटे तक चले नेटवर्क आउटेज को ठीक कर लिया गया है। उन्होंने लिखा कि आउटेज, कोर नेटवर्क को ऑपरेट करने वाले प्रमुख इंटरनल सॉफ्टवेयर सर्विस के फेलियर के कारण हुआ था। Michael Nicolls ने इसके लिए माफी मांगी और कहा कि इस समस्या की तह तक जाकर उससे निपटा जाएगा ताकि भविष्य में ऐसा ना हो।
यूजर ने कहा, किस्मत है कि 5जी है
स्टारलिंक इंटरनेट के बाधित होने पर यूजर्स की खीझ भी सामने आई। सोशल मीडिया पर लोग अपना पक्ष रखते हुए दिखे। एक यूजर ने लिखा कि वे भाग्यशाली हैं कि उनके पास 5G की सर्विस है। यूजर ने लिखा कि स्टारलिंक की सबसे अहम कमी यह है कि इसके बंद होने से यूजर के पास सिर्फ फोन का नेटवर्क ही बचता है। गौरतलब है कि स्टारलिंक का नेटवर्क पूरी दुनिया में फैला हुआ है। कंपनी अपनी सर्विस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए अभी तक 7800 से ज्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुकी है।
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