बिलासपुर
छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में रहने वाले राजशेखर पैरी को अंतरिक्ष की सैर करने का मौका मिला है। ये मौका अमेरिका की एक निजी स्पेस कंपनी, टाइटंस स्पेस इंडस्ट्रीज ने दिया है। कंपनी ने अपने पहले मिशन के लिए भारतीय छात्र के तौर पर राजशेखर को चुना है। शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से सकुशल वापसी के बाद राजशेखर पैरी के स्पेस में जाने की खबर ने एक बार फिर भारत का नाम रौशन किया है। जानिए कौन हैं राजशेखर? पढ़िए बिलासपुर से अंतरिक्ष तक की कहानी।
सबसे पहले बात राजशेखर पैरी की। राजशेखर सामान्य बच्चों की ही तरह थे। प्राइमरी की पढ़ाई-लिखाई बिलासपुर से की। फिर हैदराबाद बैचलर्स करने के बाद यूके चले गए। उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई ऑक्सफोर्ड स्कूल से भी की है। फिलहाल वह एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ-साथ ऑर्बिटालॉकर में प्रोजेक्ट मैनेजर-इंजीनियरिंग के तौर पर काम भी कर रहे हैं।
छत्तीसगढ के पेंड्रा के रहने वाले राजशेखर पैरी जल्द अंतरिक्ष में जाने वाले हैं। एक निजी अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी टाइटंस स्पेस इंडस्ट्रीज ने अपने पहले मिशन के लिए भारतीय छात्र के तौर राजशेखर को चुना है।
अपने सिलेक्शन और उन्हें कैसे मौका मिला, इस बारे में राजशेखर बताते हैं कि उन्होंने 19 साल की उम्र में NASA को एक मेल किया था। केवल ये जानने के लिए कि एस्ट्रोनॉट बनने की प्रोसेस क्या होता है। उम्मीद तो थी नहीं, लेकिन 4 दिन बाद जो जवाब आया, उससे न सिर्फ उनके सवालों के जवाब मिले, बल्कि उनके सपनों को एक नई दिशा भी दी।
NASA ने उन्हें एस्ट्रोनॉट बनने की प्रक्रिया, योग्यता और रिस्क फैक्टर्स की पूरी जानकारी दी और साथ ही बधाई दी कि आप नासा के एस्ट्रोनॉट बनने की इच्छा रखते हैं। राजशेखर कहते हैं, उस मेल ने मेरा आत्मविश्वास और भी बढ़ा दिया। तभी से तय कर लिया था-अब तो स्पेस में जाना ही है।
बचपन से साइंस में रुचि होने के चलते उन्होंने धीरे-धीरे देखना-समझना शुरू कर दिया कि आखिर स्पेस में कैसे जाया जा सकता है। उन्हें पता चला कि यूरोप में तरह तरह के प्रोग्राम चलते हैं, जिसमें भाग लेकर सिलेक्ट होकर अंतरिक्ष में जाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने पोलैंड से एनालॉग स्पेस ट्रेनिंग ली। इसमें उन्होंने अंतरिक्ष में रहने-खाने, काम करने जैसी तमाम बातें सिखाई-समझाई गईं।
अब मुझे टाइटंस स्पेस इंडस्ट्रीज की तरफ से स्पेस में जाने का मौका मिला है। इस मिशन में मेरा काम रिसर्च और डेवलेपमेंट से जुड़ा होगा। अंतरिक्ष में जाकर हमें पता लगाना है कि वहां कौन-कौन से एक्सपेरिमेंट किए जा सकते हैं। ना केवल उन्हें किया जा सकता है, बल्कि आगे और कैसे बढ़ाया जा सकता है।
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