सरकार और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर हाईकोर्ट ने लगाया 5 लाख रुपए जुर्माना

चंडीगढ़ 
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (के.यू.) को एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है कि वे उन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना (ओ.पी.एस.) का लाभ दें जिन्हें नए पैंशन सिस्टम (एन.पी.एस.) लागू होने से पहले विज्ञापित पदों के आधार पर नियुक्त किया गया था। यह आदेश जस्टिस त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने दिया। 

कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को मनमाना और अविवेकपूर्ण बताते हुए 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से 4 लाख रुपए हरियाणा सरकार और 1 लाख रुपए विश्वविद्यालय को 5 याचिकाकर्त्ताओं को मुकद्दमेबाजी खर्च के रूप में देना होगा। याचिकाकर्त्ता शिक्षकों की नियुक्ति मई 2006 से नवम्बर के.यू. के के शिक्षकों को पुरानी पेंशन 2006 के बीच हुई थी, जो कि वर्ष 2005 योजना का लाभहरियाणा सरकारः दे यूनिवर्सिटी और थी। 

उस समय विश्वविद्यालय में के.यू. हाईकोर्ट कर्मचारी पैंशन योजना 1997 (ओ.पी.एस.) प्रभावी थी। हालांकि 1 जनवरी, 2006 से राज्य सरकार ने नई पैंशन योजना लागू कर दी थी और बाद में विश्वविद्यालयों ने भी इसे अपनाया। मार्च 2023 में केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वे कर्मचारी जो एन.पी.एस. लागू होने से पहले विज्ञापित पदों के तहत नियुक्त हुए थे उन्हें ओ.पी.एस. का विकल्प दिया जा सकता है। इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार ने मई 2023 में अधिसूचना जारी कर राज्य के कर्मचारियों को यह लाभ देने की अनुमति दी लेकिन जुलाई 2023 में सरकार ने विश्वविद्यालयों को इस अधिसूचना पर अमल न करने का निर्देश देकर स्थिति उलझा दी। 

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