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कोलकाता गैंगरेप केस में गिरफ्तार चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश, मनोजीत और 2 अन्य आरोपी छात्रा को 8 जुलाई तक हिरासत में भेजा

    कोलकाता 
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कसबा स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. 25 जून को कॉलेज परिसर के सिक्योरिटी गार्ड के कमरे में हुई इस जघन्य वारदात ने न केवल कानून के मंदिर की पवित्रता को कलंकित किया, बल्कि कॉलेज में लंबे समय से दबदबा बनाए हुए मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा की आपराधिक पृष्ठभूमि को भी उजागर किया.

इस मामले में पीड़िता की शिकायत, मेडिकल रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इस घटना ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के छात्र संगठन से जुड़े मनोजीत के राजनीतिक रसूख और कॉलेज प्रशासन की नाकामी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
आइए, इस मामले में हुए 10 नए खुलासों पर नजर डालते हैं…

1. पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि गैंगरेप से पहले उसे पैनिक अटैक हुआ और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. उसने अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई, लेकिन मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा ने अपने साथी जैब अहमद से इनहेलर लाने को कहा. पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कोर्ट में खुलासा किया कि इनहेलर पीड़िता की मदद के लिए नहीं, बल्कि उसकी हालत सुधारने के बाद उसे फिर से यातना देने के लिए लाया गया था. पीड़िता ने इनहेलर लेने के बाद कुछ राहत महसूस की और भागने की कोशिश की, लेकिन मुख्य गेट लॉक होने के कारण वह असफल रही.

2. कोलकाता पुलिस ने कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल स्टोर की फुटेज हासिल की है, जिसमें जैब अहमद को 25 जून की रात 8:29 बजे इनहेलर खरीदते देखा गया. मेडिकल स्टोर के मालिक ने बताया कि जैब ने 350 रुपये का भुगतान यूपीआई के जरिए किया. पीड़िता की मेडिकल जांच में जबरन यौन संबंध, काटने के निशान और खरोंच के निशान पाए गए, जो उसके प्रतिरोध की पुष्टि करते हैं. मनोजीत के शरीर पर भी ताजा खरोंच और चोट के निशान मिले, जो पीड़िता के संघर्ष का सबूत हैं.

3. पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा (31), दो छात्रों जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20), और सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी को कल अलीपुर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने मनोजीत और दो छात्रों को 8 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है, जबकि गार्ड की हिरासत 4 जुलाई तक बढ़ाई गई है. पुलिस का कहना है कि जांच अभी अधूरी है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है.

4. मनोजीत मिश्रा साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र और टीएमसी छात्र संगठन का पदाधिकारी है. एक ‘हिस्ट्री-शीटर’ रह चुका है. उसके खिलाफ कोलकाता के कालीघाट, कसबा, अलीपुर, हरिदेवपुर और टॉलीगंज थानों में कई मामले दर्ज हैं, जिनमें 2019 में कॉलेज में एक छात्रा के कपड़े फाड़ने, 2020 में चोरी, 2022 में छेड़छाड़ और 2024 में सिक्योरिटी गार्ड पर हमला और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे आरोप शामिल हैं.

5.  रिपोर्ट के मुताबिक, एक पूर्व छात्रा ने बताया कि मनोजीत कॉलेज में सभी के लिए डर का कारण था. उसने कई छात्राओं को परेशान किया, उनकी तस्वीरें मॉर्फ कीं और व्हाट्सएप ग्रुप्स में शेयर कीं. एक अन्य छात्रा ने इंडिया टुडे को बताया कि दो साल पहले एक कॉलेज ट्रिप के दौरान मनोजीत ने उसके साथ छेड़छाड़ की और विरोध करने पर उसे और उसके परिवार को धमकी दी. कम से कम 15 छात्राओं के साथ उसकी हरकतों की शिकायतें सामने आई हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.

6. पुलिस ने मनोजीत के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स की जांच की, जिसमें पता चला कि घटना के अगले दिन सुबह उसने कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. नयना चटर्जी से बात की थी. पुलिस ने उपप्राचार्य से दो बार पूछताछ की है और इस बातचीत के मकसद का पता लगाने की कोशिश कर रही है. यह खुलासा मामले में कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाता है.

7. साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज ने मनोजीत मिश्रा की अस्थायी नौकरी समाप्त कर दी है और जैब अहमद व प्रमित मुखर्जी को निष्कासित कर दिया. कॉलेज ने अनिश्चितकाल के लिए कक्षाएं निलंबित कर दी हैं. गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष और टीएमसी विधायक अशोक कुमार देब ने कहा कि सिक्योरिटी एजेंसी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा.

8. मनोजीत मिश्रा के टीएमसी छात्र संगठन (TMCP) के दक्षिण कोलकाता जिला संगठन सचिव होने की वजह से यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है. बीजेपी ने मनोजीत की तस्वीरें टीएमसी नेताओं, जैसे अभिषेक बनर्जी और चंद्रिमा भट्टाचार्जी के साथ शेयर कर सरकार पर निशाना साधा. टीएमसी ने दावा किया कि मनोजीत का संगठन से कोई सक्रिय संबंध नहीं था और उसे कड़ी सजा दी जाएगी.

9. अलीपुर कोर्ट में सुनवाई के दौरान सैकड़ों वकील बिना अनुमति कोर्ट रूम में घुस आए, जिससे हंगामा मच गया. एक पक्ष ने आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग की, जबकि दूसरा पक्ष निष्पक्ष जांच की वकालत कर रहा था. मनोजीत के वकील ने दावा किया कि यह मामला उनके मुवक्किल के खिलाफ साजिश है और पुलिस को पीड़िता का फोन और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच करनी चाहिए.

10. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में कॉलेज परिसर में शाम 4 बजे के बाद मौजूद 16 लोगों की सूची तैयार की है, जिनमें से 6 से पूछताछ की जा चुकी है. जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस वारदात में और लोग शामिल थे. एक छोटा वीडियो क्लिप (1 मिनट 30 सेकंड) भी बरामद हुआ है, जो पीड़िता के बयान की पुष्टि करता है.

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