उज्जैन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नक्सलियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि उनके पास केवल दो विकल्प हैं – या तो वे आत्मसमर्पण करें, या फिर मरने के लिए तैयार रहें। उन्होंने यह बात उज्जैन में शिप्रा नदी के रामघाट पर श्रमदान के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने शिप्रा नदी की पूजा-अर्चना की और रामघाट पर स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेगी। मध्य प्रदेश के बालाघाट सहित कई जिलों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चल रहा है, जिसमें कई नक्सली मारे गए हैं।
" बता दें कि मध्य प्रदेश के बालाघाट सहित कुछ जिलों में नक्सली लगातार मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं. इसके बाद भी नक्सली जंगलों में सक्रिय हैं.
मुख्यमंत्री ने किया शिप्रा नदी के रामघाट पर श्रमदान
मख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन पहुंचकर शिप्रा नदी के पवित्र रामघाट पर जल-गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान किया. मुख्यमंत्री ने रामघाट की सीढ़ियों पर झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया. साफ-सफाई के बाद मुख्यमंत्री ने मां शिप्रा में आस्था की डुबकी लगाई और विधिवत पूजन-अर्चन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की. उन्होंने कहा "हमारा प्रयास है कि जब श्रद्धालु पंचकोशी यात्रा के अंत में रामघाट पहुंचे तो उन्हें स्वच्छ जल मिले."
उज्जैन में 29 किमी के दायरे में नए घाट बनेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा "उज्जैन में सिद्धनाथ से लेकर त्रिवेणी तक 29 किमी के नए घाट तैयार किए जाएंगे. पहले से ही 6 किमी के घाट बने हुए हैं. उज्जैन सिहंस्थ 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं को कुल मिलाकर 35 किमी के घाट पर स्नान करने की सुविधा मिलेगी. सिंहस्थ के दौरान ये घाट रामघाट जैसे ही होते हैं."
रामघाट पर सफाई मित्रों को सम्मानित किया
मुख्यमंत्री ने कहा "जल गंगा संवर्धन अभियान इस बार 3 माह तक चलेगा, इसे गुड़ी पड़वा पर शुरू किया गया और गंगा दशहरा तक चलेगा. अभियान के तहत अब तक 1.62 लाख जलदूतों का पंजीयन हो चुका है. करीब 80 हजार तालाबों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. ये प्रयास प्रदेश के किसानों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आएगा." रामघाट पर सफाई मित्रों संग "जल गंगा संवर्धन अभियान" के अंतर्गत स्वच्छता कार्य करने के बाद मुख्यमंत्री ने सफाई मित्रों को सम्मानित किया.
शिप्रा नदी के विकास की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में शिप्रा नदी के विकास के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि सिद्धनाथ से त्रिवेणी तक 29 किलोमीटर के नए घाट बनाए जाएंगे। इससे सिंहस्थ 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं को 35 किलोमीटर के घाट पर स्नान करने की सुविधा मिलेगी।
जल गंगा संवर्धन अभियान
मुख्यमंत्री ने “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत रामघाट पर सफाई मित्रों के साथ श्रमदान किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि यह अभियान तीन महीने तक चलेगा और इसके तहत 80 हजार तालाबों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रदेश के किसानों के लिए भी राहत लेकर आएगा।
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