विदेश

पोप फ्रांसिस के निधन से वेटिकन सिटी में 9 दिनों के शोक की शुरुआ , 1.4 अरब कैथोलिक शोक में डूबे

3Views

 वेटिकन सिटी

पोप फ्रांसिस का वेटिकन सिटी में निधन हो गया है. वे लंबे वक्त से बीमार थे. निमोनिया की शिकायत पर फ्रांसिस पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे. पॉप फ्रांसिस के मौत की खबर वेटिकन सिटी से दी गई है. फ्रांसिस 88 साल के थे. एक दिन पहले ही उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी. उनकी मौत की खबर के बाद पूरी दुनिया 1.4 अरब कैथोलिक शोक में डूब गए हैं.

पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया,वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स बेसिलिका में पोप फ्रांसिस को आखिरी विदाई दी जाएगी,वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा जाएगा पोप फ्रांसिस का पार्थिव शरीर.

पोप फ्रांसिस पिछले एक हफ्ते से ब्रोंकाइटिस से पीड़ित थे और उन्हें शुक्रवार, 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई, क्योंकि डॉक्टरों को ‘जटिल नैदानिक ​​स्थिति” के कारण पोप के श्वसन पथ के संक्रमण के इलाज में बदलाव करना पड़ा और फिर एक्स-रे कराने पर पुष्टि हुई कि वह डबल निमोनिया से पीड़ित थे.

वेटिकन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि वह रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी धर्मगुरु थे. उनके दोनों फेफड़ों में न्यूमोनिया था, जिसकी वजह से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. वह लंबे समय तक अस्पताल में थे वह 38 दिनों तक अस्पताल में रहे थे और हाल में ही अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे. उनका अपने आवास कासा सेंटा मार्टा (Casa Santa Marta) पर निधन हुआ. 

पोप फ्रांसिस ने रविवार को ईस्टर के मौके पर सरप्राइज पब्लिक एपीयरेंस दी थी. उन्होंने सेंट पीटर स्क्वायर से 35000 लोगों की भीड़ का हाथ मिलाकर अभिवादन स्वीकार किया था. वेटिकन के कार्डिनल केविन फेरेल ने बताया कि पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन ईश्वर की सेवा में समर्पित रहा. 

 फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था। वर्ष 2013 में पोप चुने जाने के बाद वे पहले लैटिन अमेरिकी, पहले जेसुइट और पहले गैर-यूरोपीय पोप बने, जिन्होंने आधुनिक युग में चर्च को नई दिशा देने का कार्य किया।

अपने पूरे कार्यकाल में पोप फ्रांसिस ने गरीबी, पर्यावरण संरक्षण, आप्रवासी अधिकार, और समानता जैसे विषयों को प्राथमिकता दी। वे अपने सरल जीवन, करुणा और वैश्विक भाईचारे के संदेश के लिए याद किए जाएंगे। उन्होंने बार-बार कहा कि "चर्च को लोगों के पास जाना चाहिए, न कि लोगों को चर्च के पास।"

अचानक बिगड़ी तबीयत

पोप फ्रांसिस पिछले हफ्ते सेंट पीटर्स स्क्वायर में पारंपरिक रविवार की प्रार्थना और कैथोलिक चर्च के जयंती वर्ष मनाने के लिए सामूहिक प्रार्थना का नेतृत्व नहीं कर पाए थे, क्योंकि उनकी तबियत बेहद खराब थी. उनके स्वास्थ्य की वजह से उनकी पहले तय कई कार्यक्रम भी कैंसिल कर दिए गए थे. क्योंकि डॉक्टरों ने 88 साल के पोप को पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी थी.लेकिन पहले उनकी हालत को ‘स्थिर’ बताए जाने के बावजूद, वेटिकन ने शनिवार शाम को एक अपडेट जारी किया जिसमें कहा गया कि ‘लंबे समय से सांस लेने में तकलीफ’ के बाद उनकी हालत बिगड़ गई है.

किसने की निधन की घोषणा?

रिपोर्ट के मुताबिक पोप फ्रांसिस के निधन का ऐलान वेटिकन के कैमरलेन्गो कार्डिनल केविन फेरेल ने किया. कैमरलेन्गो कार्डिनल वेटेकिन सिटी में एक प्रशासनिक पद है जिसका काम खजाने की देखरेख करना और शहर में प्रशासनिक काम देखना है.

admin
the authoradmin