भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘बीजेपी पहले भी जीती है, इसमें नया क्या है, हमने कभी नहीं कहा कि हमने ये चुनाव गंभीरता से लड़े हैं

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चंडीगढ़
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनावों में भी कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है। अब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की जीत में 'नया क्या है'। हुड्डा के गढ़ रोहतक में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। चुनावी दौर से गुजरीं 10 में 9 नगर नगम पर भाजपा ने जीत दर्ज की।

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, हुड्डा ने कहा, 'बीजेपी पहले भी जीती है। इसमें नया क्या है…। हमने कभी नहीं कहा कि हमने ये चुनाव गंभीरता से लड़े हैं…। मैं जब मुख्यमंत्री था, तब भी मैंने कभी पंचायत चुनावों में भाग नहीं लिया। इन चुनावों में सिर्फ भाईचारा काम करता है…। अगर हमारे पास सीट होती, तो नतीजों में हम हारते…। इन चुनावों में अधिकांश निर्दलीय उम्मीदवार खड़े होते हैं।'

10 में 9 महापौर भाजपा के होंगे
बुधवार को नतीजों के बाद 10 में से 9 महापौर पदों पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया। अब तक 7 में भाजपा के महापौर थे। वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद वापसी की उम्मीद कर रही कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी। महापौर पद पर जीतने वाले दस उम्मीदवारों में से सात महिलाएं हैं, जिनमें से छह सत्तारूढ़ भाजपा से हैं। निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव एक महापौर सीट जीतने वाली एकमात्र गैर-भाजपा उम्मीदवार हैं। वह मानेसर से चुनी गईं, जहां पहली बार नगर निकाय चुनाव हुआ। भाजपा के उम्मीदवारों ने अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, रोहतक, सोनीपत, यमुनानगर और पानीपत में अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वियों को हराया।

रोहतक से भी हार
कांग्रेस को सोनीपत और रोहतक में भी हार का सामना करना पड़ा। सोनीपत में कांग्रेस के महापौर थे, जबकि रोहतक को पार्टी के वरिष्ठ नेता हुड्डा का गढ़ माना जाता है। रोहतक में भाजपा के राम अवतार ने कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 45,198 वोटों के अंतर से हराया। बड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाले महापौर उम्मीदवारों में फरीदाबाद से भाजपा उम्मीदवार प्रवीण जोशी शामिल हैं, जिन्होंने तीन लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की।

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