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सैकड़ों मील पैदल चला, 72 लाख रुपए लगे, फिर भी आकाश को अमेरिका की धरती छोड़नी पड़ी

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करनाल
65 लाख रुपये एजेंट को दिए और 6-7 लाख का और खर्चा आया। कुल 72 लाख रुपए लगे, फिर भी आकाश को अमेरिका की धरती छोड़नी पड़ी। कहानी हरियाणा के करनाल के रहने वाले युवक आकाश की है, जिसे अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है।

ये कहानी है करनाल के घरौंडा के कालरों गांव के आकाश की जिसकी 20 साल उम्र  है। उसने भी बाहर जाने का सपना देखा। जिद्द की और बड़े भाई ने भी उसकी जिद्द के आगे अपनी नहीं चलाई और उसे भेज दिया। आकाश को भेजने के लिए जमीन के ढ़ाई एकड़ बेच दिए और एजेंट से किस्तों में 65 लाख की बात हुई। करीब 10 महीने पहले आकाश गया और 26 जनवरी को उसने मैक्सिको की दीवार कूदी, जिसके बाद वो USA में पहुंच गया था। डोंकी से जाने के दो रास्ते होते हैं। एक सीधा मैक्सिको और उसके बाद दीवार कूदकर अमेरिका। एक रास्ता होता है, कई देशों को फ्लाइट, टैक्सी, कैंटर, बस, जंगल, समुद्र, पार करते हुए जाना। एजेंट ने आकाश के परिवार से पैसे लिए वो सीधे मैक्सिको पहुंचाने के लिए, पर भेजा गया उसे दूसरे रास्ते से।

26 जनवरी को आकाश से आखिरी बार बात हुई जब वो मैक्सिको की दीवार कूदकर पहुंच गया था। अमेरिका और उसे वहां चौकी में पकड़ लिया था। उसके बाद आकाश को रिमांड का डर दिखाया जाता है और डिपोर्ट वाले कागजात पर साइन करवा लिए जाते हैं। आकाश के भाई शुभम को कल दोपहर को पता चला कि उसका भाई वापिस आ रहा है, क्योंकि 26 जनवरी के बाद उसकी बात नहीं हुई थी। कल जब शाम को आकाश को फोन मिलाया गया तो बताया कि वो वापिस आ रहा है।

घर पर आया और फिर मामा के घर चला गया आकाश
आकाश सुबह अपने घर आया और अपने मामा के साथ उनके घर चला गया। उनके भाई ने जंगलों के कुछ वीडियो भी दिखाए हैं, परिवार की हालत बुरी हो गई है, परिवार चाहता है एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई हो और कोई भी डोंकी से ना जाए। ऐसे समय में सबको साथ देने की जरूरत है।

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