आईएमआर, एमएमआर में सुधार के लिये फोकस्ड एप्रोच से करें कार्य : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
भोपाल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि सरकार प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने मंत्रालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने चिकित्सकीय स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति, अधोसंरचनात्मक विकास कार्य, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं और प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत समीक्षा कर दिशा निर्देश दिये।
50 प्रतिशत सीएचसी का एफआरयू में किया जायेगा उन्नयन
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि चिकित्सक एवं सहायक चिकित्सकीय स्टॉफ की भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि अगले वर्ष तक प्रदेश के 50 प्रतिशत सीएचसी को एफआरयू में उन्नयन किया जाना है। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों की करें रियल-टाइम मॉनिटरिंग
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों की प्रगति की नियमित समीक्षा के लिए विशेष निगरानी तंत्र स्थापित करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग से परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की समीक्षा की
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन जिलों में स्वास्थ्य मानकों की स्थिति ठीक नहीं है, वहां स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सुधारने के लिए कारकों का गहन विश्लेषण किया जाए और विशेष प्रयास किए जाएं। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 9 और 25 तारीख़ को आयोजित होने वाले एएनसी जांच दिवस के प्रति व्यापक जागरूकता का प्रसार किया जाए जिससे अधिक से अधिक गर्भवती महिलाएं इसका लाभ उठा सकें।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की गर्भ-धारण से प्रसव पूर्व तक सभी अनिवार्य जांचों को सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि समय पर सभी आवश्यक जांचें न केवल सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करेंगी बल्कि शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में भी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का समय पर चिन्हांकन कर आवश्यक चिकित्सा व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष निगरानी प्रणाली लागू की जाए।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने निर्देश दिये कि शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए फोकस्ड एप्रोच अपनाएं। स्वास्थ्य मानको की स्थिति जिन जिलों में ठीक नहीं है वहाँ कारकों को चिन्हांकित करके विशेष प्रयास किये जायें। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन जिलों में नियमित दौरा कर जमीनी स्तर पर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त तरुण राठी, संचालक प्रवीण सिंह अढ़ायच, मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना, संचालक दिनेश श्रीवास्तव सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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