नर्मदापुरम के मढ़ई पर्यटन स्थल पर 15 होमस्टे बनकर तैयार, करें विलेज लाइफ एक्सपीरियंस

नर्मदापुरम
मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार नए एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं. इसी के तहत प्रदेशभर में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे योजना से पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ रोजगार और ग्रामीण विकास पर सरकार का खासा फोकस है. सोमवार को नर्मदापुरम के मढ़ई पर्यटन स्थल के नजदीक बन रही 15 होमस्टे में से बनकर तैयार हो गाए हैं, जहां अब पर्यटक विलेज लाइफ का एक्सपीरियंस ले सकेंगे. ये होम स्टे ग्राम छेड़का, ढाबा ओर उरदौन में बनकर तैयार हुए हैं.
होमस्टे के साथ लें विलेज लाइफ का मजा
मढ़ई को पास ग्राम छेड़का और ढाबा में बने होम स्टे में पर्यटक ग्रामीण जीवन का अनुभव (Village Life Experience) कर सकेंगे. बेहद किफायती दरों पर यहां ठहरने की व्यवस्था के साथ लोकल फूड का भी मजा ले सकेंगे. होम स्टे के उद्घाटन अवसर पर पर्यटन बोर्ड के अधिकारियों ने भी होम स्टे का जायजा लिया. इसके साथ ही यहां बैलगाड़ी की सवारी, जनजातीय सैतम और डंडा नृत्य, गौंड पेंटिंग, मड आर्ट, जिप्सी राइड और लजीज स्थानीय व्यंजनों का मजा लिया.
होम स्टे में मिलेगा देसी खाना
विलेज लाइफ एक्सपीरियंस के साथ यहां देसी जायके का भी मजा मिलेगा. इन होमस्टे में खासतौर पर मक्के और बाजरे की रोटी, चने की भाजी, कोदो की खीर और महुए की डुबरी समेत स्थानीय भोजन मिलेगा, जो खासतौर पर चूल्हों पर पकाया जाएगा. यहां का आदिवासी समाज इन होम स्टे में पर्यटकों का कला, प्रथा और स्नेह के साथ सहर्ष स्वागत करने के लिए तैयार हैं.
टूरिज्म बोर्ड की एएमडी ने किया आदिवासी नृत्य
होम स्टे के उद्घाटन अवसर पर ग्रामीणों द्वारा शानदार सैतम और डंडा नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें पर्यटन बोर्ड की एएमडी विदिशा मुखर्जी ने भी स्थानीय महिलाओं के साथ नृत्य किया. इसके बाद उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त महिला ड्राइवर्स की जिप्सी में की जंगल की सैर की. कार्यक्रम के दौरान पर्यटन सलाहकार जुबिन, जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद से जिला पर्यटन प्रबंधक मनोज सिंह ठाकुर, आईजीएस से रीना साहू, जयपाल सिंह, रोहित व होमस्टे संचालकों के साथ ग्रामीण मौजूद रहे.
क्या होता है होम स्टे?
होम स्टे के नाम से ही साफ है कि यह रहने की या आराम करने की ऐसी जगह होती है, जो घर की तरह होती है. होम स्टे एक होटल रूम की तरह किराए पर लिया जा सकता है. बस फर्क सिर्फ इतना होता है कि होम स्टे होटल की तरह चमक-धमक वाला न होकर पूरी तरह से घर जैसा होता है. होम स्टे में रहकर, आप स्थानीय संस्कृति, परंपराओं को जानने के साथ स्थानीय भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं.
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