बाबासाहेब के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर, उनके विचारों और आदर्शों को अपने जीवन में करें आत्मसात् : मंत्री परमार

भोपाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लागू होने के बाद से ही, प्रदेश में शिक्षा में आमूलचूल और व्यापक परिवर्तन हो रहे हैं। मध्यप्रदेश नए संकल्प के साथ, भारत केंद्रित शिक्षा और भारतीय दर्शन से समृद्ध शिक्षा की ओर सतत् आगे बढ़ रहा है। शिक्षा में व्यापक परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में, राज्य सरकार ने सीएम राइज योजना के अंतर्गत विद्यालय स्थापित किए हैं। निर्धनता, अब शिक्षा अर्जित करने में बाधा नहीं बन सकेगी। निर्धन अभिभावक का दर्द समझकर ही सीएम राइज योजना अंतर्गत विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। सभी वर्ग के विद्यार्थी समान रूप से गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ शिक्षा अर्जित कर सकेंगे। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कही। मंत्री परमार मंगलवार को शाजापुर जिले की शुजालपुर विधानसभा के गौलाना स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सीएम राइज विद्यालय में "भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम" में संबोधित कर रहे थे।
मंत्री परमार ने गौलाना स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सीएम राइज विद्यालय में भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक भारत रत्न बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया। मंत्री परमार ने कहा कि प्रदेश के प्रथम सीएम राइज विद्यालय के रूप में स्थापित होने के समय ही, हमने इस विद्यालय का नामकरण बाबा साहेब के नाम पर कर दिया था। परमार ने कहा कि बाबा साहेब का संपूर्ण जीवन देश और समाज के लिए एवं सभी के लिए समान अधिकारों के लिए समर्पित रहा। इसके लिए उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे प्रभावी माध्यम माना था। परमार ने कहा कि बाबा साहेब सभी के लिए श्रद्धा का केंद्र हैं, सभी वर्ग के लोग उनका सम्मान करते हैं और उनके जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेते हैं। मंत्री परमार ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे डॉ. अंबेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर, उनके विचारों और आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात् करें और उनकी तरह ही राष्ट्र निर्माण के लिए देशभक्त एवं ईमानदार नागरिक बनने की ओर आगे बढ़ें।
उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। परमार ने कहा कि विद्यालय परिसर में महापुरुषों के लिए कथनों पर आपस में संवाद कर, उन्हें अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करें। परमार ने कहा कि गौलाना में शीघ्र ही महाविद्यालय का भी लोकार्पण होगा, इससे विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर पर सुलभ रूप से गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। परमार ने विद्यार्थियों से कहा कि मातृभूमि, जन्मभूमि, मां गंगा जैसी नदियां एवं गौमाता, इन चार माताओं के प्रति जीवन भर कृतज्ञता ज्ञापित करने का भाव जागृत करें। परमार ने कहा कि निरंतर अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से आगे बढ़ें और राष्ट्र निर्माण में सहभागिता के भाव को आत्मसात् करें। परमार ने कहा कि हम सभी की सहभागिता से स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत पुनः विश्वमंच पर सिरमौर बनेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने विद्यालय का भ्रमण कर शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा भी की और विद्यार्थियों से उनकी पढ़ाई के बारे में संवाद भी किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हेमराज सिंह सिसोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे, अंतर सिंह जादौन, मांगीलाल, महेंद्र गोवा, योगेंद्र सिंह बंटी बना, राजेश कुमार पाटीदार एवं विद्यालय के प्राचार्य गोपाल कृष्ण शर्मा सहित विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं, विद्यार्थी एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।
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