चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर को एम.सी.एच. सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की 03 सीटों की मंजूरी

रायपुर
पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के कैंसर विभाग (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) को राष्ट्रीय कैंसर दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (चिकित्सा शिक्षा -1) ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एन.एम.सी.) को निर्देशित किया है कि चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विषय में सुपर स्पेशलाइजेशन पाठ्यक्रम (एम.सी.एच.) के लिए 03 सीटों की स्वीकृति प्रदान की जाए। इससे यह महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम इसी शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ किया जा सकेगा।
प्रदेश में कैंसर उपचार को मिलेगा नया आयाम
उल्लेखनीय है कि चिकित्सा महाविद्यालय के कैंसर विभाग में पहले से एम.डी. (रेडियोथेरेपी) की 6 मान्यता प्राप्त सीटें पहले से संचालित की जा रही हैं। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विषय में सुपर स्पेशलाइजेशन पाठ्यक्रम की स्वीकृति के बाद अब प्रदेश के कैंसर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी।
मध्य भारत का पहला शासकीय चिकित्सा संस्थान बना रायपुर मेडिकल कॉलेज, जहां विशेष पाठ्यक्रम होगा संचालित
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी और सर्जिकल आंकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि रायपुर मेडिकल कॉलेज मध्य भारत का पहला शासकीय चिकित्सा संस्थान है, जहां यह विशेष पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। महाविद्यालय के एन.एम.सी. सेल के चेयरमैन डॉ. अरविंद नेरल ने बताया कि गत वर्ष इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन कुछ कमियों के कारण एन.एम.सी. ने एल.ओ.पी. (लेटर ऑफ परमिशन) जारी नहीं किया था। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा इन कमियों को दूर कर दो बार पुनर्विचार के लिए अपील की गई। हाल ही में एन.एम.सी. के निर्देशानुसार सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष गुप्ता को व्यक्तिगत रूप से नई दिल्ली भेजा गया, जहां स्टाफ, अधोसंरचना, उपकरण, क्लिनिकल सुविधाओं और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा की गई। संतोषजनक मूल्यांकन के बाद एन.एम.सी. ने एम.सी.एच. पाठ्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की।
कैंसर मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं
एम.सी.एच. सर्जिकल ऑन्कोलॉजी पाठ्यक्रम के शुरू होने से:
कैंसर के मरीजों को उन्नत शल्य चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
प्रदेश को सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सुपर-विशेषज्ञ मिलेंगे।
चिकित्सा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और शोध के बेहतरीन अवसर मिलेंगे।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से छत्तीसगढ़ के कैंसर रोगियों को अत्याधुनिक उपचार की सुविधा मिलेगी और चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर कैंसर उपचार और शोध के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।
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