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भारत में विभिन्न एयरलाइन कंपनियों के विमानों को बम से उड़ाने की धमकियाँ मिल रही हैं, कम नहीं हो रहे मामले

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पंजाब
हाल के दिनों में, भारत में विभिन्न एयरलाइन कंपनियों के विमानों को बम से उड़ाने की धमकियाँ मिल रही हैं। शुरुआत में यह धमकियाँ कुछ ही विमानों तक सीमित थीं, लेकिन अब उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में, 25 अक्टूबर को कुल 27 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। सुरक्षा एजेंसियाँ इस स्थिति को लेकर सतर्क हैं और सभी धमकियों की गहन जांच की जा रही है। हालांकी सभी धमकियाँ फर्जी पाई गई हैं, फिर भी इन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है। यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।

27 विमानों में बम की धमकी
25 अक्टूबर को देशभर में कुल 27 विमानों में बम होने की धमकी मिली। इस स्थिति के चलते कई विमानों की लैंडिंग कराई गई और कुछ की उड़ान में देरी हुई। जिन विमानों को धमकी मिली उनमें स्पाइसजेट, इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तारा जैसी कंपनियों के विमान शामिल थे।

यात्रियों पर असर
इन धमकियों के कारण यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा है। कई यात्रियों की उड़ानें रद्द हुईं या देरी से हुईं, जिससे उनकी यात्रा योजनाएं प्रभावित हुईं। सुरक्षा एजेंसियाँ इन धमकियों की गंभीरता से जांच कर रही हैं। शुरुआती जांच में ये धमकियाँ फर्जी साबित हो रही हैं, लेकिन फिर भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। हालांकि ये धमकियाँ फर्जी हैं, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे एयरलाइंस से लगातार संपर्क में रहें और यात्रा से पहले अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें।

पहले भी आईं थीं धमकियाँ
इससे पहले, 22 अक्टूबर को 30 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, जबकि 24 अक्टूबर को यह संख्या बढ़कर 85 विमानों तक पहुँच गई थी। इन विमानों में प्रमुख एयरलाइनों जैसे एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो, और अकासा के विमान शामिल थे। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि धमकियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे यात्रियों और एयरलाइंस दोनों में चिंता बढ़ी है। सुरक्षा एजेंसियाँ इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अपने सभी सुरक्षा उपायों को कड़ा कर रही हैं। यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। इस प्रकार, यह धमकियाँ सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं।

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