उत्तर प्रदेश

महात्मा गांधी के नेतृत्व में चला आंदोलन अंग्रेजों के राज को समाप्त करने में रहा सफल : मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजादी के महानायक थे। महात्मा गांधी द्वारा राष्ट्र और मानवता के लिए किए गए योगदान के प्रति देश कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है। मान्यता थी कि ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य कभी अस्त नहीं होता था, लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में चला आजादी का आंदोलन उनके सूर्य को अस्त करने में सफल रहा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महात्मा गांधी की जयंती पर क्षेत्रीय गांधी आश्रम में अपने विचार रखे। यहां उन्होंने चरखा चलाया और भजनों का आनंद लिया। सीएम ने यहां खादी के वस्त्रों की खरीदारी भी की। फिर ऑनलाइन पेमेंट भी किया। सीएम योगी ने कहा कि स्वदेशी जब तक भारत की आजादी का मंत्र नहीं बना था, तब तक आजादी की लड़ाई एकजुट होकर नहीं दिख रही थी। भारत की आजादी के आंदोलन के साथ महात्मा गांधी का जुड़ना और उसे स्वदेशी के साथ जोड़ने का जो अभियान रहा, इससे आजादी के लिए हर नागरिक के मन में गौरव व स्वावलंबन का भाव जागृत हुआ। खादी उसका प्रतीक बना।

सीएम योगी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता के प्रति उन अभियानों को ऊंचाई देना है, जिनकी प्रासंगिकता न केवल 100 वर्ष पहले, बल्कि आज भी उसी रूप में बनी है। जिस मिशन को पीएम मोदी ने दस वर्ष पहले प्रारंभ किया था, वह आज भी नई ऊंचाई को प्राप्त करता हुआ दिखाई दे रहा है। देश में 12 करोड़ से अधिक घरों में शौचालयों का निर्माण न केवल स्वच्छता के प्रति उनके आग्रह, बल्कि नारी गरिमा के गौरव को बढ़ाने का अभियान भी है। नारी सशक्तिकरण के बिना समाज को स्वावलंबी नहीं बना सकते। स्वच्छता, नारी सशक्तिकरण, स्वदेशी व स्वावलंबन के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के वचनों की प्रासंगिकता आज भी बनी है।

सीएम योगी ने कहा कि जो भी देश शक्तिशाली व सामर्थ्यवान बने हैं, उन्होंने सर्वप्रथम आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान ने अपनी उद्यमिता को बढ़ाया है। वहीं देश में पीएम मोदी का ‘वोकल फॉर लोकल’ भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वदेशी अभियान को नई ऊंचाई प्रदान करने का कार्यक्रम है। सीएम योगी ने कहा कि नया भारत महात्मा गांधी के मूल्यों व आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त करते हुए निरंतर बढ़ रहा है। विश्वकर्मा जयंती व पीएम मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) से प्रारंभ हुए सेवा पखवाड़ा के तहत अनेक कार्यक्रम हुए हैं।

सीएम योगी ने कहा कि खादी हमारे जीवन का हिस्सा बनें। उन्होंने बताया कि गांधी आश्रम में 108 दिन तक खादी के उत्पादों पर 25 फीसदी छूट दी जाएगी। सीएम ने आह्वान किया कि इस अवधि में खादी की कोई वस्तु अवश्य खरीदें। स्वदेशी वस्तुओं को उपहार स्वरूप भेंट करें। स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित करें। इससे अधिक से अधिक रोजगार का सृजन होगा और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को भी साकार करने में मदद मिलेगी। यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के अभियान के स्वरूप विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में मदद करेगा। सीएम ने अपील की कि पर्व-त्योहार में विदेशी वस्तुओं की बजाय स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर जीपीओ स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। यहां स्कूली बच्चों ने नारायण-नारायण जय गोविंद हरे, नारायण-नारायण जय गोपाल हरे, वह शक्ति हमें दो दयानिधे, रघुपति राघव राजाराम आदि गीतों से भावांजलि दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों की भी हौसला अफजाई की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्षेत्रीय गांधी आश्रम में चरखा भी चलाया।

जीपीओ में कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों पर झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया। सीएम के साथ अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी झाड़ू लगाया। सीएम योगी ने खादी आश्रम में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी राष्ट्रपिता के अनन्य भक्त व अनुयायी थे। वे गांधी जी के आह्वान पर देश के आजादी के आंदोलन में जुड़े थे। उन्हें 1964 में प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ। देश खाद्यान्न सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर सके, उसका परिणाम शास्त्री जी के छोटे कार्यकाल के दौरान भी देखने को मिला।

सीएम योगी ने कहा कि 1965 में दुश्मन देश द्वारा थोपे गए युद्ध का जवाब भारत ने तेजस्विता के साथ दिया था। यह देश के उस स्वरूप को दिखाता है कि विश्व मानवता के कल्याण के लिए कार्य करेंगे, लेकिन हमारी सीमाओं पर कोई अतिक्रमण करेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब भी देंगे। शास्त्री जी के नेतृत्व में उस समय भारत ने भी अपने पराक्रम का परिचय दुश्मन देश को कराया और विश्व के सामने भारत को वैश्विक ताकत के रूप में स्थापित करने में योगदान दिया।

 

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