80 हजार साल में पहली बार एक अनोखी घटना हो रही है, एक बेहद चमकीला धूमकेतु आसमान में दिखाई देने वाला है, जाने कब
नई दिल्ली
सितंबर के अंत में और अक्टूबर के मध्य के बीच बेहद दुर्लभ आसमानी मेहमान आने वाला है. इसका नाम थोड़ा कठिन है लेकिन ये 80 हजार साल बाद धरती के नजदीक आ रही है. ये है त्सुचिनशान-एटलस ( Tsuchinshan-ATLAS) धूमकेतु. इसे पूरी दुनिया के लोग देख सकते हैं. खुशी इस बात की ये आपको बिना किसी यंत्र के दिखाई देगा.
बिना किसी दूरबीन या टेलिस्कोप के भी देख सकते हैं
बिना किसी यंत्र यानी दूरबीन या टेलिस्कोप की मदद नहीं लेनी पड़ेगी. अगर आपके पास है तो और भी बेहतर नजारा मिलेगा. धूमकेतु के आने और दिखने को लेकर हमेशा संशय बना रहता है. इसे कॉमेट सी/2023 ए3 (Comet C/2023 A3) भी कहते हैं. इसके दिखने की सबसे अच्छी संभावना 27 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच है.
इसे देखने का सबसे अच्छा समय कब होगा?
ये आपको पूर्व-दक्षिणपूर्वी दिशा में सूरज के उगने से ठीक आधे घंटे पहले दिखाई देगा. सबसे अच्छा समय रहेगा 29 सितंबर और 30 सितंबर की सुबह देखना. यह सुबह के समय खत्म हो रहे अर्ध-चंद्राकर चंद्रमा के साथ दिखाई देगा. हो सकता है आपको सुबह के समय थोड़ा धोखा हो, क्योंकि ये रात में सबसे ज्यादा चमकने वाले 20 तारों जैसा दिखेगा.
कैसे पहचाने की आप सही धूमकेतु को देख रहे हैं?
हालांकि इसे पहचानने के लिए बेस्ट तरीका इसके पीछे की पूंछ को देखना. क्योंकि तारों के पूंछ नहीं होती. जबकि धूमकेतु को होती है. 2 अक्टूबर के बाद यह सूरज की रोशनी में गुम हो जाएगा. इसके बाद यह 12 अक्टूबर को फिर दिखाई देगा. उस रात ये धरती के सबसे नजदीक रहेगा. उस समय यह पश्चिमी दिशा में दिखेगा.
सबसे पहले, यह नंगी आँखों से दिखाई देने वाले धूमकेतु के लिए लंबे समय से चली आ रही प्रतीक्षा को समाप्त कर सकता है क्योंकि यह धूमकेतु NEOWISE की तुलना में बहुत अधिक चमकीला होने की उम्मीद है, जिसने 2020 में हमारे आसमान को रोशन किया था। दूसरा, जैसे-जैसे धूमकेतु सूर्य के करीब आएगा, इसका बर्फीला कोर गर्म होगा, जिससे एक सुंदर पूंछ बनेगी जो रात के आसमान में फैल सकती है। अंत में, धूमकेतु उत्तरी गोलार्ध में दर्शकों को पसंद आएगा। आखिरी बार जब उत्तरी अक्षांशों से एक असाधारण रूप से चमकीला धूमकेतु दिखाई दिया था, वह 1997 में था जब धूमकेतु हेल-बोप ने आकाश को रोशन किया था।
इस लेख में धूमकेतु के बारे में वह सब कुछ बताया गया है जो आपको जानना चाहिए: इसकी खोज, इसे नंगी आंखों से कैसे देखा जाए, देखने की सर्वोत्तम दिशाएं, देखने का इष्टतम समय और अवलोकन के लिए प्रमुख विंडो।
खोज और नामकरण
इस धूमकेतु की कहानी 22 फरवरी, 2023 को शुरू हुई, जब इसे दक्षिण अफ्रीका में एटलस टेलीस्कोप द्वारा देखा गया। एटलस एक रोबोटिक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली है जिसे पृथ्वी के निकट क्षुद्रग्रहों का पहले से पता लगाने और प्रभाव की संभावना होने पर हमें चेतावनी देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। खोज के समय, यह मंद वस्तु बृहस्पति और शनि की कक्षा के बीच थी।
आगे की जांच करने पर पता चला कि इसी वस्तु को वास्तव में 9 जनवरी, 2023 को चीन में पर्पल माउंटेन वेधशाला द्वारा पहले भी देखा गया था। अनुवर्ती अवलोकनों से पता चला कि इस वस्तु की एक छोटी पूंछ थी और इसे धूमकेतु नामित किया गया था। दोनों खोजकर्ताओं के सम्मान में, धूमकेतु को आधिकारिक तौर पर C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) नाम दिया गया।
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