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घुर नक्सल प्रभावित ग्राम दुलरे एवं मुर्कराजकोन्डा में बिजली के बाद मोबाईल नेटवर्क भी हुआ उपलब्ध

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सुकमा

चिंतागुफा थाना क्षेत्र अंर्तगत घुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दुलरे एवं मुर्कराजकोन्डा में जियो का मोबाईल नेटवर्क सुविधा उपलब्ध करवाया गया। यह इलाका पिछले 40 सालों से नक्सलियों के आतंक से प्रभावित होने के कारण मोबाईल नेटवर्क व बिजली जैसे मूलभूत सुविधा से वंचित था।  वर्षों के इंतजार के बाद सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना इलाके में स्थित दुलेर गांव एवं मुर्कराजाकोन्डा व दुलेर सीआरपीएफ कैम्प में मोबाईल नेटवर्क व बिजली पहुचने से स्थानिय ग्रामीणों में उम्मीद की नई किरण जग गई है।

कमाण्डेन्ट द्वितीय वाहिनी सीआरपीएफ रति कान्त बेहेरा ने बताया कि ग्राम दुलेर में नक्सलियों के हिंसा के कारण मोबाईल नेटवर्क व बिजली की सुविधा आज तक पर्यन्त नही पहुच पाई थी। ग्राम दुलेर में 12 जनवरी 2024 को सीआरपीएफ द्वितीय वाहिनी के द्वारा सुरक्षा कैम्प स्थापित किया गया था। कैम्प लगने के पश्चात दुलेर के विकासात्मक कार्यो में तेजी आई है। इसी क्रम में आज द्वितीय वाहिनी सीआरपीएफ एवं जिला प्रशासन के प्रयास का नतीजा है कि उस ईलाके में बहुत ही कम समय में मोबाईल नेटवर्क सफलता पूर्वक कार्यरत हो सका है। उन्होने बताया कि द्वितीय वाहिनी सीआरपीएफ और जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर ग्राम दुलेर सहित आस-पास के ग्रामीणों के साथ लगातार बैठक लेकर ग्रामीणों को नक्सली कृत्यो से अवगत कराकर गांव के विकास में सहभागी बनने तथा ग्रामीणों को नक्सलवाद से दूर करने के लिए व गांव के विकासात्मक कार्यो हेतु प्रेरित किया जा रहा है।

रति कान्त बेहेरा ने कहा कि आज के समय में मोबाईल नेटवर्क और बिजली मानव जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया वहीं इसकी उपलब्धता नही होने के कारण इस क्षेत्र के देश के भविष्य छात्र-छात्राओं का जीवन अंधकारमय हो रहा था, वही किसान भी खेती के लिए पूरी तरह से मौसम पर निर्भर थे। मोबाईल नेटवर्क नही होने के कारण यहं के लोग पूरी तरह से देश और दुनिया से कटे हुए थे। ग्रामीणों के अनुसार मोबाईल नेटवर्क नही होने की वजह से किसी भी आपात स्थिति में वे लोग केन्द्रीय सुरक्षा बलों अथवा जिला प्रशासन से संपर्क नही कर सकते थे। आज दुलेर गांव में मोबाईल नेटवर्क और बिजली पहुचाने से स्थानिय गामीणों को अब अन्य सुविधाएं मिलने लगेगी।

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