- नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की सफलता के लिये सामूहिक प्रयास जरूरी
- राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की हुई बैठक
- शिक्षा विभाग द्वारा इस आधार पर संयुक्त कार्य-योजना तैयार की जाएगी – धनराजू एस
भोपाल
प्रदेश में 100 प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य शिक्षा केन्द्र में “उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’’ की बैठक राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू एस की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में विभिन्न शासकीय विभागों के नोडल अधिकारियों से चर्चा करते हुए संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने कहा कि साक्षरता के नये कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिये सभी विभाग कार्य-योजना बनाएँ। इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा इस आधार पर संयुक्त कार्य-योजना तैयार की जाएगी। इसके लिये उन्होंने आगामी 10 दिन में जानकारी देने की बात कही।
बैठक में बताया गया कि साक्षरता कार्यक्रम में वित्तीय, डिजिटल, व्यावसायिक, कौशल और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी से शिक्षित करना प्रमुख उद्देश्य है। यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यस्कों के लिये है, जो किन्हीं कारणों से औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए हैं। योजना वर्ष 2027 तक जारी रहेगी। इसका समय-समय पर मूल्यांकन किया जाएगा। इस अभियान से स्वयंसेवी संगठनों के साथ शासकीय वर्ग के व्यक्तियों का सहयोग लिया जाएगा। वे अक्षरसाथी कहलाएँगे। बैठक में बताया गया कि साक्षरता मिशन प्राधिकरण भोपाल द्वारा "अक्षर पोथी" नाम से प्रवेशिका बनाई गई है। इसे एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड करने के साथ-साथ साक्षरता कार्यक्रम के सभी व्हाट्सएप ग्रुप और यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से भेजा गया है।
वातावरण निर्माण
समाज में साक्षरता के माहौल को मजबूत करने के लिये सभी संचार साधनों का सहयोग लिया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम में 2 बार बुनियादी साक्षरता परीक्षा ली है। पहली बार करीब 7 लाख 73 हजार 100 और दूसरी बार ली गई परीक्षा में 9 लाख 27 हजार 129 नव साक्षर उत्तीर्ण हुए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मुख्य रूप से एनएसएस, एनसीसी और महाविद्यालयीन छात्रों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है।
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