भोपाल
भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों का ऐलान होने के बाद नाराज बाकी के दावेदारों ने तनाव बड़ा दिया है। प्रदेश की 230 सीटों पर दोनों ही दलों से 105 ऐसे नेताओं के नामांकन जमा कर दिए हैं। जो चुनाव में खड़े रहे तो पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नामांकन जमा करने की आखिरी तिथी 30 अक्टूबर हैं, जबकि नाम वापसी 2 नवम्बर तक होना है। ऐसे में अब दोनों ही दलों का फोकस नामाकंन जमा कर चुके अपने नाराज नेताओं के नाम वापसी करवाने पर है।
कांग्रेस और भाजपा की जीत में ऐसे ही निर्दलीय उम्मीदवार चुनौती बन सकते हैं, जो टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर चुनावी मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनाव में भी ऐसे ही बागियों के चलते दोनों ही दल स्पष्ट बहुमत पाने से वंचित रह गए थे। कांग्रेस को जहां सात सीटों पर सीधा नुकसान हुआ था, वहीं भाजपा को पांच सीटों पर नुकसान हुआ था। इन सीटों पर पार्टी से बागी होेकर निर्दलीय चुनाव लड़े उम्मीदवार को हार के अंतर से ज्यादा वोट मिल गए थे। इस बार ऐसा ना हो इसलिए दोनों ही दल प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस के सामने साफ नहीं स्थिति
इधर इस मामले में अभी कांग्रेस के सामने स्थिति साफ नहीं है। कांग्रेस में कई क्षेत्रों में उम्मीदवार का विरोध हो रहा है। यह अटकले चल रही है कि टिकट बदले जा सकते हैं। हालांकि 30 अक्टूबर के बाद कांग्रेस दो नंवबर तक नाराज नेताओं को मनाने में पूरी ताकत लगा देगी।
इसलिए जा रहे नेता फार्म भरवाने
पर्चा भर चुके नाराज नेताओं को मनाने का काम भाजपा में तेजी से चल रहा है। इसके चलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल जैसे दिग्गज नेता अधिकृत उम्मीदवार का नामांकन भरवाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में जा रहे हैं। वहीं ये नेता नाराज लोगों को मनाने का भी काम कर रहे हैं।
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