नई दिल्ली
भारत में स्मार्टफोन को किफायती बनाने के लिए ट्राई ने नई पहल की शुरुआत की है। दूरसंचार नियामक ने आम लोगों से इसको लेकर राय मांगी है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने डिजिटल समावेशन के लिए देश में स्मार्टफोन को किफायती बनाने के तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। इसके लिए ट्राई ने एक परामर्श पत्र जारी किया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने "उभरती टेक्नोलॉजी के युग में डिजिटल समावेशन" पर अपने परामर्श पत्र को जारी किया है। इस परामर्श पत्र में मिले सुझावों के आधार पर ट्राई यह आकलन करेगा कि क्या सरकार द्वारा लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित करने जैसे उपाय भारत में स्मार्टफोन की कीमतों को कम करने के लिए पर्याप्त हैं या अन्य उपायों की भी आवश्यकता है।
नियामक ने पेपर पर सुझाव देने की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर और जवाबी टिप्पणी के लिए आखिरी तारीख 31 अक्टूबर तय की है। परामर्श पत्र में ट्राई ने देश में स्मार्टफोन फाइनेंसिंग और सेकेंड हैंड स्मार्टफोन की व्यवहार्यता तलाशने का उदाहरण भी दिया।
टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट को सुलभ बनाना जरूरी
नियामक का मानना है कि तेजी से बढ़ते टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सहित 5G एनेबल डिवाइस सर्विस की शुरुआत डिजिटल विभाजन को बढ़ा सकती है। अगर इसे आम लोगों के लिए किफायती और सुलभ नहीं बनाया गया।
ट्राई ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर की कम पहुंच, सीमित डिजिटल साक्षरता और अफोर्डेबिलिटी के मुद्दे उभरती टेक्नोलॉजी के समान वितरण और उपयोग में बाधा बन सकते हैं। इसके कारण डिजिटल समावेशन समान नहीं रहेगा। उभरती टेक्नोलॉजी के लिए व्यापक डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करने के लिए इन कारणों को कम करना जरूरी है।
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