Uncategorized

अब आयुर्वेद से अपने चेहरे को बनाये खूबसूरत

25Views

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है सबसे पहले उसका असर हमारे चेहरे पर दिखाई देने लगता है। एंजिग एक ऐसी अवस्‍था है जिससे कोई नहीं बच सकता है, मगर हां चेहरे पर उसके असर को धीमा जरूर किया जा सकता है। 30 की उम्र के बाद फाइनलाइन और रिंकल्स जब धीरे-धीरे चेहरे पर अपनी जगह बनाने लगते हैं, तो कुछ लड़कियों का कॉन्‍फिडेंस कम होने लगता है।

ऐसे में वह मार्केट में मिल रही महंगी क्रीम और लोशन पर पैसे खर्च करने लगती हैं, जिनसे रिजल्‍ट नहीं मिलता। आज हम आपको एंटी एजिंग आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताएंगे। आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा विज्ञान है, जिसमें एंटी एजिंग से जुड़ी कई सिद्धांत शामिल हैं। यह स्‍किन केयर और बुढ़ापे को रोकने के लिए एक सुरक्षित और लंबे समय तक चलने वाला उपाय प्रदान करता है।

तुलसी

यह एक एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है, जो आपको झुर्रियों से लड़ने में मदद करती है। तुलसी को चेहरे पर लगाने से स्‍किन की नमी बनी रहती है क्‍योंकि यह मॉइस्‍चर को कैद कर देती है, जिससे स्‍किन हाइड्रेट हो जाती है। इससे स्‍किन का टेक्‍सचर यानी की खुरदरापन बिल्‍कुल दूर हो जाता है और त्‍वचवा स्‍मूथ दिखने लगती है।

अश्वगंधा

इस जड़ी बूटी का नियमित रूप से सेवन करने से आपकी त्वचा का स्वरूप काफी हद तक बदल जाएगा। इसके सेवन से आपकी स्‍किन पहले जैसी यंग और चमकदार दिखने लगेगी। यही नहीं, यह जड़ी-बूटी झुर्रियों को कम करने और त्वचा को स्‍मूथ बनाने का भी काम करती है।

आंवला

आंवला या अमलाकी में एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन रेगुलर करने पर स्‍किन की सेहत में सुधार होता है। यह एंटी-एजिंग के गुण से भरा है इसलिए उम्र बढ़ने के संकेतों को कम कर सकता है। यही नहीं, यह बालों के टेक्‍सचर को सुधारता है, उनमें मजबूती भरता है और हेयर ग्रोथ भी देता है।

जिनसेंग

जिनसेंग एक एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है। इसका नाम अक्सर जापानी और कोरियाई ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट्स में सुना जाता है। इस जड़ी बूटी में मौजूद फाइटोकेमिकल्स उम्र बढ़ने के संकेतों से लड़ते हैं। यह जड़ी बूटी आपकी त्वचा को सन डैमेज से होने वाले नुकसान लड़ने में मदद करती है।

गोटू-कोला

गोटू-कोला एक और बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है। यह फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है जो त्वचा को पोषण देता है और उम्र बढ़ने के दिखाई देने वाले लक्षणों से लड़ने के लिए कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है। यह जड़ी-बूटी शरीर के समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है।

हल्दी

यह एक जादुई जड़ी-बूटी के समान है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन अद्भुत तरीके से आयु को कम कर सकता है। यह फ्री रैडिक्‍ल के नुकसान से लड़ता है। यह त्वचा को सूरज की किरणों के नुकसान से बचाने में मदद करती है। जड़ी-बूटी के एंटीऑक्सीडेंट्स बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। हल्‍दी को खाने और लगाने दोनों से ही चेहरे पर चमक आती है।
 

admin
the authoradmin