मध्य प्रदेश

बिजुरी वासियों तक पहुंचेगा केंवई कि जलधारा

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बिजुरी
ग्राम पंचायत बिजुरी  07 मार्च 1989 को नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में आने पश्चात भी नगरवासियों कि एक ही मुख्य समस्या बनी रही है, स्वच्छ जल की। 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी के बाद 15 अगस्त 2008 को नगरपंचायत बिजुरी का नगरपालिका परिषद के रूप में तब्दीलता होने के बाद भी कोयला उद्योग कि नगरी में रहने वाले रहवासियों कि समस्या पूर्व कि भांति वैसे ही बनी रही। जिसका मुख्य कारण अगर  स्थानीय स्तर के जनप्रतिनिधि एवं राजनैतिक दलों के मठाधीशों कि निरंकुशता को माना जाऐ तो यकीनन अनुचित नही होगा।

नगर कि जनता आज तक इसी का खामियाजा काला पानी के रूप में भुगत रही है। जिसके लिऐ अथक प्रयास करने कि सामर्थ्य किसी ने भी नही दिखाया।
वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने किया सार्थक प्रयास-
नगरपालिका परिषद बिजुरी क्षेत्रांतर्गत हो रही काले पानी कि समस्याओं से नगर कि जनता को निजात दिलाने के लिऐ प्रयासरत नगरपालिका अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सहित मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं समस्त वार्ड पार्षदों ने अथक प्रयास कर अब तक कि नामुमकिन बनी कार्य अर्थात स्वच्छ जल कि समस्या का निदान करने का बीडा़ उठाया।

मसलन नपा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष कि मेहनत रंग लायी। और भाजपा शासित प्रदेश सरकार कि मंशानुरूप भाजपा शासित स्थानीय निकाय द्वारा नगर कि जनता को स्वच्छ पानी के लिऐ लगभग 23 करोड़ रूपये का टेण्डर परिषद से जारी हो गया। जिससे कयास लगाया जा सकता है कि नपा परिषद के कार्यकाल से पूर्व ही नगर कि जनता को स्वच्छ जल मिलने लग जाऐगा।

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