अकेले में पॉर्न देखना अपराध नहीं, जानिए भारत में पोर्नोग्राफी को लेकर क्या है कानून?

तिरुवनन्तपुरम
भारत में वैसे तो पोर्न पर प्रतिबंध है लेकिन इसी मसले पर आया केरल हाईकोर्ट का फैसला चर्चा में है. हाईकोर्ट ने एक 33 साल के शख्स के खिलाफ दर्ज अश्लीलता के मामले को रद्द करते हुए बड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई शख्स अकेले में पोर्न देखता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. अकेले अश्लील तस्वीरें या वीडियो देखना कानून के तहत अपराध नहीं है.कोर्ट ने कहा कि यह किसी व्यक्ति की निजी पसंद की बात है. जाहिर है हाईकोर्ट के इस फैसले से पोर्नोग्राफी पर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है. ऐसे में एक बार फिर से ये जानना जरूरी हो जाता है कि देश में पॉर्न को लेकर कायदे-कानून क्या कहते हैं? सबसे पहले बात पोर्न होता क्या है?
पोर्न होता क्या है?
पोर्नोग्राफी (Pornography) यानी अश्लील सामग्री को ही शॉर्ट में पोर्न कहते हैं.ऐसे वीडियो,मैग्जीन,किताब या अन्य सामग्री जिनमें सेक्शुअल कंटेंट होता है और जिनसे व्यक्ति की सेक्स की भावना बढ़ती है उसे पोर्न की श्रेणी में रखते हैं.पोर्न वीडियो को आम बोलचाल में 'ब्लू फिल्म'भी कहते हैं. भारत में इस पर प्रतिबंध होने के बावजूद इंटरनेट न्यूट्रिलिटी के दौर में पॉर्न इंडस्ट्री तेजी से पनप रही हैं.
भारत में पोर्न की क्या स्थिति है?
भारत में साल 2018 में केन्द्र सरकार के आदेश के बाद 827 पोर्न वेबसाइट्स को बैन किया गया है. इसलिए अब आप जितना भी गूगल कर लें लेकिन पुरानी पोर्न साइट पर फिल्म नहीं देख सकते हैं, हालांकि जुगाड़ से लोग इसे अब भी खूब देखते हैं. भारत में फिलहाल कितने लोग पॉर्न देखते हैं इसका सही-सही और ताजा डाटा फिलहाल उपलब्ध नहीं है लेकिन पहले जो आंकड़े सामने आए हैं उससे ट्रेंड का अंदाजा लगाया जा सकता है. दुनिया की सबसे बड़ी पॉर्न वेबसाइट पॉर्नहब ने साल 2015 में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए थे. इसी तरह से गूगल ने भी साल 2017 में अपने सर्च इंजन पर ट्रेंड की रिपोर्ट जारी की थी. जिसके मुताबिक
जाहिर है ये आंकड़े बताते हैं कि भारत में पोर्न देखने वालों की संख्या काफी अधिक है.ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि हमारे देश में पोर्नोग्राफी को लेकर देश में कानून क्या कहता है? पॉर्न को रोकने के लिए भारत में एंटी पोर्नोग्राफी लॉ लागू किया गया है.पॉर्न से जुड़े मामलों में आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67(ए) और IPC की धारा 292,293,294,500,506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान है.
जाहिर है भारत में पोर्न बनाने,बेचने,शेयर करने या प्रदर्शन आदि पर बैन है.इसके बावजूद देश में पॉर्न देखने वालों की संख्या अच्छी-खासी है.ऐसे में शासन-प्रशासन और समाज के स्तर पर ऐसी सामग्रियों पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है.
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