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बुंदेलखंड में बस रहे नोएडा जैसे शहर में क्या-क्या होगा, योगी आदित्यनाथ सरकार ने बताया प्लान

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कभी यूपी और देश के पिछड़े हिस्सों में शुमार रहे बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास की बयार बहाने की तैयारी योगी आदित्यनाथ सरकार ने कर ली है। मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) के गठन को मंजूरी दी गई। यूपी सरकार के सूत्रों का कहना है कि नोएडा के तर्ज पर एक नई टाउनशिप ही बसाई जाएगी। इसके तहत कुल 33 गांवों की 35 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा। यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इसके पहले चरण की शुरुआत झांसी के 33 गांवों की जमीन पर टाउनशिप बसाने से होगी।

उन्होंने कहा, 'यह फैसला लिया गया है कि नोएडा जैसी औद्योगिक टाउनशिप बुंदेलखंड में बसाई जाए। नोएडा का गठन 1976 में हुआ था। कुल 6,312 करोड़ रुपये खर्च करके जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा और अगले वित्त वर्ष में इसके लिए 5000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके बाद शेष राशि भी जल्द जारी होगी। इसके अलावा 5000 करोड़ रुपये की रकम लोन के तौर पर जारी की जाएगी। यह रकम चीफ मिनिस्टर इंडस्ट्रियल एरिया एक्सपैंशन और न्यू इंडस्ट्रियल एरिया प्रमोशन स्कीम के तहत दिया जाएगा।'

योगी के मंत्री ने कहा कि यूपी के विकास के लिए यह फैसला हुआ है। इससे हम 1 ट्रिलियल डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के पास ग्राम सभा की 8000 एकड़ जमीन पहले से ही उपलब्ध है। खन्ना ने पूरा प्लान समझाते हुए कहा, 'इससे झांसी का बड़े पैमाने पर विकास हो सकेगा। झांसी में एक नया एयरपोर्ट भी बनने वाला है। एक्सप्रेसवे पहले से तैयार हो चुका है। नेशनल हाईवे 27 पर बन रही टाउनशिप को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से भी कनेक्ट किया जाएगा।'

पड़ोस में नोएडा जैसा शहर होने से रुकेगा बुंदेलखंड का पलायन

यूपी सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इससे झांसी का विकास होगा और पूरे बुंदेलखंड के लिए ही रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। झांसी, महोबा, जालौन, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, ललितपुर समेत कई ऐसे जिले हैं, जो पिछड़े हैं और रोजगार के चलते भारी पलायन का सामना कर रहे हैं। यदि उनके पास ही नोएडा जैसा कोई शहर विकसित होगा तो निश्चित तौर पर पलायन रोकने में मदद मिलेगी। भाजपा सरकार के दौर में ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की भी शुरुआत की गई थी। इसका बीते साल ही पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। यह 296 किलोमीटर लंबा है, जिसके जरिए दिल्ली से सीधे चित्रकूट का सफर तय किया जा सकता है।

 

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