नये जिला बनाने के मामले में दिग्विजय की राह चले शिवराज
साल 2023 में बनाये मध्यप्रदेश में बनाए 5 नये जिले

भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में महज दो से तीन महीने का वक्त बचा है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे। मंगलवार को उन्होंने मैहर को नया जिला बनाने की घोषणा कर दी। पिछले कुछ महीनों में यह पांचवां जिला है, जिसकी घोषणा शिवराज ने की है। इससे पहले पांढुर्णा, नागदा, पिछोर और मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा कर चुके हैं या बना चुके हैं। इसके बाद भी चुनावी साल में जिले बनाने के मामले में शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से पीछे माने जा रहे हैं।
वजह यह भी है कि इनसे पहले दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए कई नये जिले बना चुके हैं। 1998 में उन्होंने सात और 2003 में तीन जिले बनाए थे। चुनावी साल में जिले बनाकर क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करने की दिग्विजय सिंह द्वारा किये गये प्रयोग का अनुसरण करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक के बाद एक नये जिले बना रहे है। 2008 में उन्होंने दो जिले बनाए, 2013 में एक और 2018 में एक और जिला बनाया, लेकिन 2023 में जरूर एक के बाद एक जिला बनाकर और तीन और जिलों की घोषणा कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
57वां जिला होगा मैहर
मैहर मध्य प्रदेश का 57वां जिला होगा। 15 अगस्त 2023 को रीवा से अलग होकर मऊगंज प्रदेश का 53वां जिला बना था। इसके बाद 26 अगस्त को छिंदवाड़ा से अलग कर पांढुर्णा को प्रदेश का 54वां जिला बनाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसके अलावा उज्जैन से अलग कर नागदा, शिवपुरी से अलग कर पिछोर और अब सतना से अलग कर मैहर को जिला बनाने की घोषणा की गई है। जिसका नोटिफिकेशन पहले जारी होगा, वह प्रदेश का 55वां जिला होगा।
2018 में भी किया था एलान
मुख्यमंत्री शिवराज ने मैहर को जिला बनाने की घोषणा पहले भी की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने मैहर को जिला बनाने की घोषणा की थी। हालांकि भाजपा की सरकार नहीं बन सकी और मुख्यमंत्री अपनी घोषणा पूरी नहीं कर सके। इस प्रस्ताव को कांग्रेस सरकार की कैबिनेट में पास किया गया, लेकिन किन्हीं कारणों से नोटिफिकेशन नहीं आया। अब मुख्यमंत्री ने कार्यवाही शुरू करने की बात कही है।
जिला बनाना बड़ा चुनावी दांव
भाजपा सरकार चुनावी साल में लगातार नए-नए जिले बनाने की घोषणा कर रही है। इसे चुनाव जीतने का बड़ा दांव बताया जा रहा है। भाजपा कांग्रेस विधायकों के इलाकों को जिला बनाने की घोषणा कर रही है ताकि वहां अपने पैर मजबूती से जमा सके। छिंदवाड़ा में आने वाले पांढुर्णा में कांग्रेस के नीलेश उइके विधायक है, वहीं पिछोर सीट पर कांग्रेस के केपी सिंह, नागदा सीट पर कांग्रेस के दिलीप गुर्जर विधायक हैं। मैहर सीट पर भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी है, जो पार्टी को बगावती तेवर दिखाते रहे हैं।
कब और कैसे बने जिले
अविभाजित मध्य प्रदेश में जब छत्तीसगढ़ अलग नहीं हुआ था, तब 45 जिले हुआ करते थे। दिग्विजय सिंह ने 1998 में जिलों की बाढ़ ला दी थी। एक नवंबर 2000 को अविभाजित मध्य प्रदेश में 61 जिले और 12 संभाग थे। जब छत्तीसगढ़ अलग हुआ तो उसमें 16 जिले और तीन संभाग चले गए। मध्य प्रदेश में रह गए 45 जिले और नौ संभाग। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने 2003 में तीन जिले बनाए- अनूपपुर, अशोकनगर और बुरहानपुर। इसके बाद 2008 में शिवराज सिंह चौहान ने अलीराजपुर और सिंगरौली को नया जिला बनाया। 2013 में आगर मालवा को और 2018 में निवाड़ी को। 2023 में जरूर शिवराज ने मऊगंज को जिला बनाया। वही पांढुर्णा, पिछोर, मैहर और नागदा की घोषणा कर चुके हैं।
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