मप्र में लंपी का संक्रमण पर नियंत्रण में हालात
अब तक 32 गौवंश हुए महामारी के शिकार

भोपाल। राजधानी भोपाल में लंपी वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक 32 गोवंश संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 19 गोवंश सड़क पर आवारा घूमते हुए मिले हैं। जहांगीराबाद के पशु आश्रय स्थल में इनको भेजा जा रहा है। पशु मालिकों को संक्रमित गोवंश को स्वस्थ्य पशुओं से दूर रखने को कहा गया है। ताकि, लंपी का संक्रमण न फैले।
पशु चिकित्सा सेवा के उप संचालक डॉ. अजय रामटेके ने बताया कि, सभी 32 गोवंश शहरी क्षेत्र से हैं। इनमें शुक्रवार मिले 8 नये संक्रमितों के बाद अवारा पशुओं की संख्या 19 तक चली गई है। खास बात यह है कि अब तक किसी भी जानवर की मृत्यु के समाचार नहीं मिले हैं। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। शहर के अलावा ग्रामीण इलाके या फिर बैरसिया में अभी एक भी मामला सामने नहीं आया है। शहर में गोवंश को टीके भी लगाए जा रहे हैं।
समय पर इलाज जरूरी
डॉ अजय रामटेके ने संक्रमित जानवर का इलाज जरूरी बताया है। क्योंकि इलाज में देरी के कारण जानवरों के शरीर में उभरी गठाने फूटने से हुआ संक्रमण मौत का कारण बन सकता है।
दूध हो जाता है कम
संक्रमित जानवरों का दूध या तो कम हो जाता है या वे दूध देना बंद कर देते हैं। ये बीमारी एक मक्खी, मच्छर से दूसरे जानवर तक फैलती है, लेकिन यह बीमारी इंसानों में या दूसरे जानवरों में नहीं फैलती है।
यहां मिला संक्रमण
गांधीनगर, छोला, करोंद, माता मंदिर, हथाईखेड़ा, भदभदा
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