UP वालों को दिल्ली से खरीदी ज्वैलरी का अब दिखाना होगा ई-वे बिल, 10 प्वाइंट में समझें क्या है नया नियम?
नईदिल्ली /लखनऊ
छोटे शहरों के ग्राहक अक्सर शादी-ब्याह के लिए दिल्ली या मुंबई अथवा दक्षिण के शहरों से गहने खरीदकर लाते हैं. इसका मकसद अच्छी क्वालिटी और डिजाइन की ज्वैलरी लाना होता है. अभी तक तो यह काम काफी आसान था और लोग बिना किसी रुकावट के खरीदारी कर लेते थे, लेकिन सरकार एक नया नियम ला रही है. इसके लागू होने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य में आभूषण खरीदकर लाना या ले जाना आसान नहीं रह जाएगा. इस नए नियम को 10 आसान प्वाइंट में समझने की कोशिश करते हैं.
क्या है नया नियम
सरकार ने पहली बार सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं और रत्नों को भी ई-वे बिल के दायरे में ला दिया है. इसका मतलब है कि अब किसी को भी एक राज्य से दूसरे राज्य में सोने-चांदी के आभूषण लाने-ले जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बिल जरूरी होगा.
किस पर लागू होगा यह नियम
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि नया नियम दुकानदारों और ग्राहकों दोनों पर लागू होगा. चाहे कोई व्यापारी हो या फिर आम ग्राहक अगर सोने-चांदी के कीमती गहनों को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाएगा तो उसे ई-वे बिल जरूर देना पड़ेगा.
क्या राज्य के भीतर भी ई-वे बिल जरूरी
CBIC ने साफ कहा है कि सोने-चांदी के आभूषणों को चाहे आप एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाते हैं या फिर राज्य के भीतर ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाएंगे तो ई-वे बिल जेनरेट करना जरूरी होगा. बिना ई-वे बिल के गहनों को प्रमाणिकता नहीं दी जाएगी.
कितनी कीमत के गहनों पर होगा लागू
नोटिफिकेशन में दी गई जानकारी के अनुसार, 2 लाख रुपये से कम के गहनों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर किसी तरह के ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी, लेकिन अगर 2 आभूषणों की कीमत 2 लाख रुपये से ज्यादा है तो सभी के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा.
कब से लागू होगा नया नियम
इस नियम को वैसे तो 1 अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा, लेकिन राज्यों को अपनी सुविधानुसार लागू करने की छूट रहेगी. हालांकि, राज्य के कर आयुक्त जिस तारीख से इस नियम को लागू करने का आदेश जारी करेंगे, उसी दिन से इसे लागू माना जाएगा.
अगर रिपेयरिंग के लिए ले जाना हो तो…
CBIC ने साफ कहा है अगर कोई व्यापारी रिपेयरिंग या टूटफूट को सही कराने के लिए गहनों को लेकर जा रहा है तो भी उसे ई-वे बिल की जरूरत होगी. व्यापारी चाहे रजिस्टर्ड हो या गैर-रजिस्टर्ड उन्हें 2 लाख रुपये से ज्यादा के गहने बेचने के लिए ई-वे बिल की जरूरत होगी.
दी जाएगी एक छूट
CBIC ने नोटिफिकेशन में कहा है कि व्यापारियों को ई-वे बिल जेनरेट करने में एक छूट दी जाएगी. दरअसल, ई-वे बिल में सामान और गाड़ी दोनों की डिटेल दी जाती है. लेकिन, सुरक्षा कारणों से व्यापारियों को आभूषण लाने-ले जाने वाले वाहनों की डिटेल डालने से छूट दी जाएगी.
अगर ऑनलाइन खरीदा तो क्या होगा
नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर कोई ऑनलाइन भी सोने-चांदी के आभूषण खरीदता है तो इसके साथ विशेष नंबर जेनरेट किया जाएगा. इसके साथ ही ई-वे बिल भी जेनरेट होगा. यानी ई-कॉमर्स साइट से खरीदने पर भी ई-वे बिल की जरूरत होगी.
कहां लागू नहीं होगा नियम
ई-वे बिल को कुछ जगहों पर लागू करने से छूट दी गई है. इसमें बंदरगाह, हवाई अड्डा, एयर कार्गो कॉम्पलेक्स, सीमा शुल्क स्टेशन कंटेनर फ्रेट स्टेशन जैसी जगहों पर इसे लागू नहीं किया जाएगा. अभी जीएसटी कानून के तहत 50 हजार से ज्यादा के सभी तरह के सामान पर ई-वे बिल लागू किया जाता है. आभूषण के मामले में इसे 2 लाख रुपये कर दिया गया है.
ज्वैलरी इंडस्ट्री पर क्या होगा असर
बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन दिल्ली के चेयरमैन योगेश सिंहल का कहना है कि यह नियम कारोबार पर बेवजह का कम्प्लायंस बढ़ाएगा. पहले से ही इतने सारे नियम हैं और अभी तो हॉलमार्क की व्यवस्था को भी पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है. ऐस में एक और नियम लादे जाने से कारोबार पर असर पड़ेगा. आम आदमी को भी अब सामान्य ज्वैलरी खरीदने पर भी ई-वे बिल लेना जरूरी होगा.
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