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राहुल गांधी की Bharat Jodo Yatra 2.0, प्रदेश में इन जिलों से प्रवेश करेगी, I.N.D.I.A. वाले भी होंगे शामिल!

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भोपाल.
 भारत जोड़ो यात्रा का सेकंड सीजन शुरू करने के लिए पहले 15 अगस्त की तारीख बताई गई थी. लेकिन, 14 दिन पहले विशेष तैयारियों का ऐलान राज्यों की इकाइयों को नहीं मिला है. इसलिए माना जा रहा है कि यात्रा सितंबर में शुरू होगी. पिछली बार भी राहुल गांधी ने 18 सितंबर से यात्रा का आगाज किया था. एक तारीख गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर भी संभावित मानी जा रही है. लेकिन, यदि राहुल गुजरात से अक्टूबर में यात्रा शुरू करेंगे तब तक राजस्थान, मप्र, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लग जाएगी. चुनाव के लिए भी काफी कम समय बचेगा. ऐसे में यात्रा सितंबर में शुरू होती है और अक्टूबर तक राजस्थान-मप्र से गुजरती है तो कांग्रेस नेताओं को ज्यादा समय मिलेगा.

भारत जोड़ा यात्रा के प्रथम चरण में राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चले थे. इस दौरान मप्र के बुरहानपुर से यात्रा ने प्रवेश किया था. उनका यात्रा आगर मालवा होते हुए राजस्थान पहुंची थी. इस बार यात्रा का रूट पश्चिम से पूर्व लगभग तय है. इस तरह गुजरात के पोरबंदर से शुरू होने वाली यात्रा राजस्थान से होते हुए मप्र में प्रवेश करेगी. राहुल पहली यात्रा में मप्र का पश्चिमी क्षेत्र कवर कर चुके हैं. ऐसे में संभावना है कि इस बार वे मप्र के गुना या श्योपुर से प्रवेश कर सकते हैं. इसके अलावा शिवपुरी और मुरैना की सीमाएं भी राजस्थान से सटी हुई हैं.

सूत्रों की मानें तो राहुल की भारत जोड़ो यात्रा 2.0 में 'इंडिया' गठबंधन के कई अहम दलों के नेता भी दिख सकते हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, आरएलडी चीफ जयंत चौधरी भी राहुल को यात्रा में ज्वाइन कर सकते हैं। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिमी यूपी की सीटों पर आरएलडी और सपा गठबंधन की नजरें हैं और उम्मीद है कि यहां पर वे बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। सूत्रों ने कहा, ''आंतरिक एनालिसिस है कि तीनों- राहुल, अखिलेश, जयंत- सहारनपुर, बागपत, रामपुर, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, देवरिया, महाराजगंज, गाजीपुर, आजमगढ़ और कुशीनगर में वोटों को इंडिया गठबंधन के पक्ष में कर सकते हैं। ऐसे में इन जिलों से यात्रा निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।

विधानसभा चुनाव में साथ आ चुके हैं राहुल-अखिलेश
भारत जोड़ो यात्रा 2.0 में यदि राहुल गांधी और अखिलेश यादव यूपी में एक बार फिर से एकसाथ दिखाई देते हैं तो यह पहली बार नहीं होगा। दरअसल, 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और सपा ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। हालांकि, तब दोनों ही दलों की बुरी तरह हार हुई थी और बीजेपी ने सरकार बना ली थी। उस समय अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया था। राहुल और अखिलेश को आगे करते हुए टैगलाइन भी दी गई थी, ''यूपी को ये साथ पसंद है।''  तब सपा को महज 47 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस सात सीटें ही जीत सकी थी। इसके बाद अखिलेश ने आगे से कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने की भी बात की थी। लेकिन पिछले विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बनने के बाद से फिर से यूपी में कांग्रेस, आरएलडी और सपा के अलायंस की बात चर्चा में आ गई है।

गुना से प्रवेश देगा कई संदेश
फिलहाल रूट को लेकर कांग्रेस नेताओं ने कुछ भी कहने में असमर्थता जताई है. लेकिन, एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यात्रा गुना से मप्र में प्रवेश करेगी तो कई संदेश देगी. गुना लोकसभा सीट कांग्रेस जीतती रही है. लेकिन, पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया यह सीट हार गए थे. सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तो कांग्रेस की राज्य सरकार गिर गई. ऐसे में स्थानीय कांग्रेसी चाहते हैं कि सिंधिया की बगावत को मुद्दा बनाते हुए उनके प्रभाव वाले जिलों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए.

श्योपुर में भी हैं बड़े मुद्दे
इसके अलावा श्योपुर जिला पहले कुपोषण और अब कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत की वजह से चर्चा में बना हुआ है. यहां से प्रवेश करने पर राहुल गांधी इन बड़े मुद्दों को उठा सकते हैं. इसके बाद यात्रा को शिवपुरी, ग्वालियर भिंड होते हुए आगे बढ़ाया जा सकता है. पिछली यात्रा में मप्र के सबसे बड़े शहर इंदौर में राहुल गांधी की यात्रा दो दिन रही थी. इसलिए एक बड़े शहर ग्वालियर के आसपास यात्रा का ठिकाना तय किया जा सकता है. पहली यात्रा में राहुल गांधी ने ओंकारेश्वर में मां नर्मदा की आरती की थी. यात्रा के दौरान वे उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे और दंडवत हुए थे. माना जा रहा है कि यात्रा के दूसरे चरण में राहुल दतिया में पीतांबरा माई के दर्शन करने जा सकते हैं. इसके बाद यात्रा का उत्तर प्रदेश में प्रवेश संभव है.

दो बार हो सकता है प्रवेश, अमरकंटक भी शामिल हो सकता है रूट में
राहुल गांधी पश्चिम से पूर्व की यात्रा में उप्र को भी कवर करेंगे. ऐसे में मप्र में उनकी यात्रा दो बार प्रवेश कर सकती है. उत्तर प्रदेश के रूट से होकर दोबार यात्रा मप्र के बुंदेलखंड या विंध्य से प्रवेश कर सिंगरौली होते हुए छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर सकती है. निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर, सतना, रीवा और सिंगरौली जिले उप्र की सीमा से जुड़े हुए हैं. इस क्षेत्र में सिंगरौली की सीमा छत्तीसगढ़ से जुड़ी है. इसके अलावा सीधी, शहडोल, अनूपपुर और डिंडौरी जिले भी छत्तीसगढ़ से सटे हुए हैं. धार्मिक महत्व को देखते हुए जीवनदायिनी पवित्र नदी नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक को भी रूट में शामिल किया जा सकता है.

यात्रा के पहले चरण में 12 दिन मप्र में
भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण में राहुल गांधी ने मप्र में 12 दिन गुजारे थे. यात्रा 11 दिन चली और एक दिन विश्राम हुआ. 23 नवंबर से बुरहानपुर से प्रवेश करने वाली यात्रा 4 दिसंबर को आगर जिले से होती हुई राजस्थान पहुंची थी. इस दौरान 6 जिलों से यात्रा गुजरी. इनमें बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा शामिल थे. यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर, बाबा अंबेडकर की जन्मस्थली महू, इंदौर, उज्जैन में महाकाल दर्शन प्रमुख पड़ाव थे.

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