सर्वार्थ सिद्धि योग में मानेगा करवा चौथ बन रहे 3 शुभ योग, जाने पूजा मुहूर्त, अर्घ्य समय और महत्व
करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन कार्तिक माह की संकष्टी चतुर्थी होती है, जिसे वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है. करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन की कामना से रखती हैं. इस व्रत को वो युवतियां भी कर सकती हैं, जिनका विवाह तय हो चुका होता है. कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को निर्जला व्रत रखकर भगवान गणेश, करवा माता और चंद्रमा की पूजा करते हैं. यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने पर ही पूर्ण होता है. चांद न निकलने या दिखाई न देने पर ज्योतिष उपायों को करके व्रत को पूरा किया जाता है. इस साल करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि समेत 3 शुभ योग बन रहें. पूजा का मुहूर्त क्या है और शुभ योग कौन-कौन से हैं?
करवा चौथ 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर दिन मंगलवार को रात 09 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 1 नवंबर बुधवार को रात 09 बजकर 19 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर बुधवार को रखा जाएगा.
करवा चौथ 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त
1 नवंबर को करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 54 मिनट तक है. इस दिन व्रती को पूजा के लिए 1 घंटा 18 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा.
सर्वार्थ सिद्धि समेत 3 शुभ योग में करवा चौथ 2023
इस वर्ष करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि समेत 3 शुभ योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन 02 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. वहीं परिघ योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 02 बजकर 07 मिनट तक है और फिर शिव योग प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरी रात तक है. करवा चौथे के दिन मृगशिरा नक्षत्र है.
करवा चौथ 2023 व्रत का समय
इस साल करवा चौथ व्रत का कुल समय 13 घंटे 42 मिनट का रहेगा. यह व्रत सूर्योदय के साथ सुबह 06 बजकर 33 मिनट से चंद्रोदय तक रात 08 बजकर 15 मिनट तक होगा. इस दिन व्रती को करीब पौने 14 घंटे तक निर्जला व्रत करना है.
करवा चौथ 2023 चंद्र अर्घ्य समय
इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य रात 08 बजकर 15 मिनट से दिया जाएगा. उस समय महिलाएं चंद्रमा को पानी में कच्चा दूध, अक्षत् और फूल डालकर अर्घ्य देंगी. जीवनसाथी के हाथों पानी पीकर व्रत को पूरा करेंगी. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
करवा चौथ व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का व्रत सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस दिन 16 श्रृंगार करके निर्जला व्रत रहा जाता है और शाम के समय में गणेश जी और करवा माता यानि देवी पार्वती की पूजा की जाती है. विघ्नहर्ता गणेश जी और माता गौरी के आशीर्वाद से दांपत्य जीवन खुशहाल होता है.
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