विपक्षी एकता की मेगामीटिंग से पहले बीजेपी ने शुरू की अपने सांसदों की अग्निपरीक्षा, देना होगा 5 साल का हिसाब; फार्म पर पूछे सवाल

लखनऊ
एक तरफ विपक्षी एकता के लिए 23 जून को पटना में विभिन्न पार्टियों की बड़ी मीटिंग होने जा रही है वहीं बीजेपी भी मिशन 24 के लिए अब पूरी तरह कमर कस के मैदान में उतर पड़ी है। पार्टी कोई कमजोर कड़ी छोड़ने को तैयार नहीं है। लिहाजा, चुनावी जंग जिन रणबांकुरों को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारना है उनका कड़ा इम्तिहान लेना शुरू कर दिया है। यह इम्तिहान किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। सांसदों को बकायदा एक फार्म भेजकर पांच साल का हिसाब मांगा गया है। इस फार्म में कई ऐसे सवाल किए गए हैं जिनके जवाब देने में सांसदों को काफी मेहनत करनी पड़ सकती है।
मसलन, सांसदों से यहां तक पूछा गया है कि महा जनसंपर्क अभियान में कितने घरों तक पहुंचे? कितने लोगों से संवाद किया? मिली जानकारी के अनुसार दो पन्नों के नोट्स के साथ सांसदों को तीन फार्म भेजे गए हैं। फार्म को भरकर प्रदेश कार्यालय या फिर दिल्ली स्थित संसदीय कार्यालय में जमा कराना है। बताया जा रहा है कि सांसदों से महासम्पर्क अभियान की पूरी रिपोर्ट मांग ली गई है। इसके साथ ही लक्ष्य भी दिए गए हैं। सांसदों की सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर हो सकती है कि इस रिपोर्ट की उनके 2024 के टिकट में भी भूमिका रहने वाली है।
देनी होंगी ये जानकारियां
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक सांसदों को अपने लोकसभा क्षेत्र में 100-100 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की लिस्ट भी भेजनी है। यही नहीं इनका सम्मलेन भी कराना है। इसमें यह भी बताना है कि कितने इन्फ्लुएंसर भाजपा के लिए अच्छा लिखते हैं, कितने खराब और कितने इन्फ्लुएंसर तटस्थ रहते हैं।
काम यहीं पूरा नहीं होगा। सांसदों को अपने क्षेत्र से सौ विशिष्ट लोगों की सूची भी देनी है। इस सूची में पद्म पुरस्कार विजेताओं से लेकर खिलाड़ियों, शिक्षकों, डॉक्टरों और शहीद परिवार के लोगों तक के नाम शामिल होंगे। इसके साथ ही सांसदों को अपने क्षेत्र में 40 से 50 कार्यकर्ताओं की एक टीम तैयार करनी होगी। यह टीम ऐसी होगी जिसका एक-एक सदस्य रोज सुबह 20 और शाम को 20 यानी हर दिन कम से कम 40 लोगों से सम्पर्क करेगा और उन्हें नरेन्द्र मोदी सरकार के नौ साल के कामकाज के बारेमें बताया गया। बुकलेट भी देगा।
इसके साथ ही सांसदों को यह भी बताना होगा कि अपने क्षेत्र में कितने सम्मेलन किए। इनमें अलग-अलग वर्गों की कितनी सहभागिता रही। खासतौर से सरकारी योजनाओं के लाभार्थी, व्यापारी और समाज में प्रभावी भूमिका निभाने वाले लोग कितनी तादाद में आए।
पीएम मोदी 27 जून को करेंगे बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद
पीएम मोदी 27 जून को बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। इसके लिए भी सांसदों से तैयारी करने को कहा गया है।
कमजोर कैंडिटेट का टिकट कटेगा
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस बार भी सीटिंग एमपी की स्थिति कमजोर पाए जाने पर टिकट काटने में कोई संकोच नहीं करने वाली। जहां कहीं एंटी इनकम्बेंसी की स्थिति सामने आएगी, पार्टी टिकट बदल देगी। इसके लिए नए चेहरों की तलाश भी शुरू कर दी गई है। हारी हुई सीटों पर भी पार्टी एक-एक सीट के समीकरणों को खंगालकर निर्णय लेने वाली है। बता दें कि इस बार हाईकमान ने यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है जिसे पूरा करने के लिए अभी से मशक्कत शुरू कर दी गई है।
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