मुंबई
अडानी ग्रुप के तारणहार और गौतम अडानी के अमेरिकी दोस्त एवं जीक्यूजी पार्टनर्स के प्रमुख राजीव जैन लगातार फिर से अडानी और ग्रुप के बारे में अहम बयान दिया है. इस बार वो इस मामले में मोदी सरकार को भी बीच में लेकर आ गए हैं. उन्होंने साफ कह दिया है कि मोदी सरकार सत्ता में रहे या ना रहे अडानी ग्रुप की कंपनियों का जलवा हमेशा कायम रहेगा. राजीव जैन की ओर से यह कोई आम बयान नहीं है. मार्च से लेकर अब तक राजीव अडानी ग्रुप कंपनियों के शेयारों में 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश कर चुके हैं.
उसके बाद से अडानी ग्रुप कंपनियों के शेयरों में सुधार आना शुरू हो गया है. मौजूदा समय में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपये के आसपास बना हुआ है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद निवेशकों का भरोसा अडानी ग्रुप से खत्म सा हो गया था. वो राजीव जैन ही थे, जिन्होंने निवेश की शुरुआत की और निवेशकों में ग्रुप भरोसा रखने की वजह दी.
भारत की कंपनियों में 13 अरब डॉलर का इंवेस्टमेंट
राजीव जैन ने सिर्फ अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में ही निवेश नहीं किया हुआ है, बल्कि देश की कई कंपनियों में उनका मोटा निवेश है. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार राजीव जैन ने देश की अलग—अलग कंपनियों के शेयरों में 13 अरब डॉलर का निवेश किया हुआ है. अगर बात कंपनियों की करें तो उन्होंने आईटीसी, सन फार्मा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी में भी मोटा निवेश किया हुआ है.
अडानी का जलवा रहेगा कायम
अब वह भारत में और ज्यादा निवेश करने के बारे में विचार कर रहे हैं. वो लगातार अडानी ग्रुप की कंपनियों में विश्वास जता रहे हैं और अडानी की कंपनियों पर रिस्क को उन्होंने नकार दिया है. राजीव जैन ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में मोदी सरकार रहे या ना रहे अडानी ग्रप कंपनियों का जलवा देखने को मिलता रहेगा. अपने इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि उनका भारत के प्राइवेट बैंकों, आईटी कंपनियों और कंज्यूमर कंपनियों पर पूरा भरोसा है. अब इंफ्रा देश के डेवलपमेंट में नए आयाम स्थापित कर सकता है.
भारत के इंफ्रा पर अडानी का योगदान
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही थी. निवेशकों का भरोसा पूरी तरह से खत्म हो चुका था. तब राजीव जैन ने अडानी ग्रुप के शेयरों में 15 हजार करोदउ़ रुपये का निवेश किया था. मार्च से अब तक राजीव जैन अडानी ग्रुप के शेयरों में 2.5 अरब डॉलर का निवेश कर चुके हैं. उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि देश के इंफ्रा में अडानी ग्रुप का अहम योगदान है. इसका मोदी सरकार से कोई सरोकार नहीं है. मोदी सरकार सत्ता में रहे या ना रहे अडानी की कंपनियों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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