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मास्टर प्लान का प्रारूप बदल सरकार ने पर्यावरण के प्रति दिखाई संवेदनशीलता

30 दिन में मांगी मास्टर प्लान पर आपत्तियां

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भोपाल। राज्य शासन ने भोपाल विकास योजना (मास्टर प्लान) 2031 के प्रारूप में बड़ी झील और बाघ क्षेत्र को बचाने के लिए कई बदलाव कर दिए हैं। जिनमें बड़ी झील, जलभराव एवं जलग्रहण क्षेत्र का संरक्षण, झीलों से संबद्ध हरित क्षेत्रों को यथावत रखा गया है। बाघ भ्रमण क्षेत्र में वन भूमि का संरक्षण करने निम्न घनत्व वाले क्षेत्रों को हरित क्षेत्र घोषित किया है। समन्वय मार्गोर्ं का प्रावधान, मेट्रो रेल कोरिडोर की चौड़ाई का युक्तियुक्तकरण और बेस एफएआर का पुनर्निधारण किया गया है। संशोधन के साथ नगरीय प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को प्रारूप भी जारी कर दिया है। जिस पर 30 दिन के भीतर आपत्तियां बुलाई गई हैं। संभवत: अगस्त में भोपाल का नया मास्टर प्लान जारी हो सकता है।

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भोपाल विकास योजना प्रारूप में पूर्व बड़ी झील की सीमा जीआईएस मानचित्र के अनुसार 3541.09 हेक्टेयर बताई थी। जिसे ठीक किया गया है। संशोधित प्रारूप में झील की सीमा 3872.43 हेक्टेयर है। वेटलेंड रूल्स के अनुसार बड़ा तालाब के आसपास विपरीत प्रभाव डालने वाली गतिविधियां संचालित नहीं होंगी। बड़ी झील के ऊपर से ग्राम बरखेड़ी कला से इंदौर मार्ग खजूरी सड़क तक प्रस्तावित 15.7 किमी का मार्ग झील के ईकोलॉजी सिस्टम पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव की वजह से मास्टर प्लान से हटा दिया है। झील के जलग्रहण क्षेत्र के ग्रामीण आबादी से 250 मीटर तक ग्राम विस्तार का प्रावधान था। इसे घटाकर 100 मीटर कर दिया है। इससे ग्राम विस्तार के लिए प्रस्तावित 484.67 हेक्टेयर भूमि को कृषि भूमि प्रस्तावित कर दिया है। बैरागढ़ से इंदौर मार्ग तक उत्तर में बड़ी झील के जलग्रहण क्षेत्र में 1659 हेक्टेयर पर आवासीय प्रस्तावित भूमि को कृषि भूमि कर दिया है। इसी तरह लाल घाटी से हलालपुर तक 30.48 हेक्टेयर भूमि को आवासीय से हटाकर फिर से लेकफ्रंट कर दिया है।

बाघ भ्रमण क्षेत्र से सभी प्रोजेक्ट बाहर
बाघ क्षेत्र कलियासोट बांध और केरवा बांध के पास रातापानी गांव से मेंडोरा, चंदनपुरा तक फैला है। केरवा बांध से लगी 51.66 हे. भूमि को बांध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना के चलते निम्न घनत्व आवासीय क्षेत्र से हटाकर हरित क्षेत्र दर्शाया है। ग्राम चंदनपुरा, मेंडोरा, मेंडोरी की 357.78 हे. सरकारी भूमि एवं कलियासोत बांध और केरवा बांध के पूर्व में 85.74 हे. भूमि को सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनि भूमि प्रस्तावित किया था। जिसे फिर से वन भूमि कर दिया है।
इसी तरह केरवा बांध के जलभराव क्षेत्र को 340.16 हे. में संशोधन कर 446.93 हे. कर दिया है। हताईखेड़ा बांध के उत्तर-पश्चित क्षेत्र में 32.26 हे. क्षेत्र को निम्न घनत्व आवासीय क्षेत्र में प्रस्तावित किया। जिसे फिर से हरित क्षेत्र दर्शाया गया है।

मेट्रो कोरिडोर में संशोधन
मेट्रो रेल के दोनों ओर 500 मीटर के टीओडी कॉरिडोर में मिश्रित गतिविधियों का प्रस्ताव था। जिससे 2398 हे. क्षेत्र में सघन निर्माण से शहरी अधोसंरचना प्रभावित होती और जल, सड़क, मल निकासी पर दबाव पड़ता। दबाव कम करने मेट्रो के टीओडी कोरिडोर को 100 मीटर चौड़ा प्रस्तावित किया है।

रसूखदारों के लिए प्रीमियम एफएआर का विकल्प
नवीन आवासीय क्षेत्र में प्रीमियम एफएआर और टीडीआर के माध्यम से अतिरिक्त एफएआर का प्रावधान किया गया है। प्रीमियम एफएआर से प्राप्त राजस्व का उपयोग शहरी अधोसंरचना के विकास के लिए किय जाएगा और टीडीआर के प्रावधानों का उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि अर्जित करने के लिए किया जाएगा। जबकि जिन रसूखदारों ने निम्न घनत्व क्षेत्र में बड़ेे-बड़े महलनुमा घन बनाए हैं। इन क्षेत्रों में पहले एफएआर 1:0.06 से बढ़ाकर 1:0.75 प्रस्तावित था। जिसे घटाकर फिर से 1:0.06 कर दिया है। पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील बताकर प्रेमपुरा, सेवनिया, बरखेड़ी खुर्द,्र खुदागंज, मेंडोरी, मेंडोरा आदि क्षेत्रों में निम्न धनत्व का निर्माण होगा।

मास्टर प्लान में प्रमुख संशोधन

  • -भोपाल शहर में भीड़-भाड़, प्रदूषण एंव पार्किंग की समस्या को देखते हुए सभी प्रमुख मार्गों की चौड़ाई 12 मीटर से बढ़ाकर 18 मीटर करना प्रस्तावित किया है।
  • -चूना भट्टी, विजय नगर क्षेत्र के विशेष आवासीय क्षेत्र में मिश्रित उपयोग गतिविध और उच्चतर एफएआर में संशोधन किया गया है।
  • -अवधपुरी से हताईखेड़ा तक पूर्व में प्रस्तावित 60 मीटर चौड़ा मार्ग अब 30 मीटर चौड़ा प्रस्तावित किया गया है।
  • -कोलार रोड से बिलकिसगंज तक कान्हाकुंज कालोनी के ऊपर से प्रस्तावित 60 मीटर चौड़ा मार्ग में संशाधन करके निकट की शासकीय भूमि से प्रस्तावित किया गया है।
  • -भोपाल में अब ग्रामीण मार्गों की चौड़ाई 18 मीटर होगी।
  • -नहरों के दोनों किनारों पर 15-15 मीटर चौड़े मार्ग प्रस्तावित किए गए हैं।
  • -ग्राम सतगढ़ी में राजस्व भूमि को वन/कृषि भूमि प्रस्तावित किया था। जिसे अब स्पोर्ट सिटी के लिए सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक प्रस्तावित किया गया है।
  • -ग्राम हजामपुरा में औद्योगिक क्षेत्र के पास की राजस्व भूमि को औद्योगिक प्रस्तावत है।
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