जिन्ना हाउस हमला: पूर्व पीटीआई एमपीए समेत 16 को ट्रायल के लिए सेना को सौंपा गया
लाहौर
पाकिस्तान में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने जिन्ना हाउस में तोड़फोड़ में शामिल 16 संदिग्धों को कमांडिंग ऑफिसर को सौंपने की अनुमति दी, ताकि उन पर सेना के कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सके।
गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी से नाराज पार्टी समर्थकों ने 09 मई को सरकार और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर सेना के कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इससे पहले हिंसा में शामिल पीटीआई सर्मथकों और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान एटीसी न्यायाधीश अभेर गुल खान ने सेना की ओर से लाहौर जेल में बंद उपद्रवियों की हिरासत की मांग को मंजूरी दे दी।
कोर कमांडर हाउस जिसे जिन्ना हाउस के नाम से भी जाना जाता है।
जिन्ना हाउस पर हमले के संबंध में दायर दो अलग-अलग मामलों में उनका नाम लिया गया था। आरोपियों में अमर जोहेब, अली इफ्तिखार, अली रजा, मुहम्मद अरसलान, मुहम्मद उमैर, मुहम्मद रहीम, जिया-उर-रहमान, वकास अली, रईस अहमद, फैसल इरशाद, मुहम्मद बिलाल हुसैन, फहीम हैदर, अरज़म जुनैद, पूर्व-पीटीआई एमपीए मियां मुहम्मद अकरम उस्मान, मुहम्मद हशीर खान और हसन शाकिर शामिल हैं।
अदालत ने इन सभी को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3,7 और 9 के तहत अपराधों का दोषी करार दिया है। जो पाकिस्तान सेना अधिनियम, 1952 की धारा 2 (1) (डी) और 59 (4) के तहत है। विशेष रूप से सैन्य न्यायालय द्वारा विचारणीय, जिसकी स्वीकृति पर डीपीजी ने कोई आपत्ति नहीं जताई और उचित आदेश के लिए अनुरोध को आगे प्रेषित कर दिया गया है।
इमरान ने की पार्टी के सभी दलबदलु नेताओं की सदस्यता रद्द की
इस्लामाबाद
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने पिछले कुछ दिनों में पार्टी छोड़कर अन्य दलों में शामिल हाेने वाले सभी नेताओं एवं पदाधिकारियों की सदस्यता रद्द कर दी।
पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी से नाराज पार्टी समर्थकों ने 09 मई को सरकार और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद कई नेता पीटीआई से अलग हो गए थे। जिनमें महासचिव असद उमर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी, पूर्व संघीय मंत्री शिरीन मजारी, आमेर महमूद कियानी और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार मलिक अमीन असलम मुख्य रूप से शामिल हैं।
खान ने कहा कि उन सभी दलबदलु नेताओं की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है जो पार्टी की कोर कमेटी का हिस्सा थे। वे अब पीटीआई के व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा नहीं होंगे और उन दलबदलु नेताओं को हटाने के बाद सोशल मीडिया अकाउंट को अपडेट किया जाएगा।
पीटीआई अध्यक्ष ने एक बयान जारी कर कहा कि उनके दल के नेता एवं कार्यकर्ता सरकार के आतंक का पूरी ताकत से सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह बयान इस्लामाबाद की ओर लंबे मार्च के दौरान पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर जारी किया।
उन्होंने कहा कि 25 मई, 2022 की घटना ने देश में फासीवादी परंपरा की शुरुआत की। खान ने याद किया कि जब वह सत्ता में थे, तब उस समय की विपक्षी पार्टियों ने तीन लंबे मार्च का आयोजन किया था और उनकी सरकार ने बिना किसी बाधा के उनको अनुमति प्रदान की थी। उन्होंने मार्च से पहले अपनी पार्टी के नेतृत्व पर की गई कार्रवाई को याद किया और कहा कि हम पूरी ताकत से सरकार के जुर्म का सामना कर रहे हैं।
खान ने कहा कि पिछले वर्ष का घटनाक्रम केवल एक शुरुआत' था और आज देश की एक संघीय पार्टी बिना किसी गलती के राज्य सत्ता के अत्याचार का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं समेत पीटीआई के 10,000 से ज्यादा कार्यकर्ता और समर्थक जेल में हैं और उनमें से कुछ हिरासत में यातना का सामना कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि 09 मई की हिंसा की पीटीआई के नेतृत्व ने निंदा की है।
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