भगवान शिव ने मां पार्वती को यहीं बताया था अमर होने का रहस्य
दुनिया भर में अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की सबसे कठिन यात्राओं में से एक है, जहां हर किसी का पहुंचना आसान नहीं होता है। ये यात्रा मुश्किल और दुर्गम रास्तों से भरा होता है। जिस कारण यहां जाने से पहले लोगों को न सिर्फ अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है बल्कि हेल्थ चेकअप भी करवाना जरूरी होता है।
ऐसे में लोगों के बीच बाबा अमरनाथ गुफा के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं बाबा बर्फानी यानी अमरनाथ गुफा से जुड़ी हैरान करनी वाली बातों के बारे में…
इसलिए पड़ा अमरनाथ नाम
अमरनाथ यात्रा को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्योंकि इसी स्थान पर भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। इस जगह की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग बनना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहा जाता है।
क्या है शिवलिंग का स्त्रोत
अमरनाथ गुफा के बारे में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि इस गुफा में बर्फ का शिवलिंग बनने के लिए पानी का स्त्रोत क्या है। यहा एक ऐसा रहस्य है जो आज तक अनसुलझा ही है। विज्ञान भी अभी तक इस बात का पता नहीं लगा पाया है।
भगवान शिव ने मां पार्वती को बताया ये रहस्य
भगवान शिव अमर है क्योंकि उन्हें अमरत्व का रहस्य पता था, लेकिन मां पार्वती को इस रहस्य की जानकारी नहीं थी। इस कारण उनके जन्म और मृत्यु का चक्र यूहीं चल रहा था। ऐसे में भगवान शिव ने मां पार्वती को इस गुफा में अमरत्व का रहस्य बताया था।
शिव ने अपने सरीसृपों को कहां छोड़ा?
अमरनाथ गुफा में मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताने से पहले भगवान शिव ने अपने गले के शेषनाग को शेषनाग झील, पिस्सुओं को पिस्सु टॉप, अनंतनागों को अनंतनाग में, माथे के चंद को चंदनबाड़ी में उतारा दिया था। इस तरह खुद के साथ रहने वाले सभी जीवों को उन्होने खुद से दूर कर मां पार्वती को उस गुफा में अमर होने का रहस्य बताया था।
अमरनाथ और पार्वती शक्तिपीठ
अमरनाथ गुफा में पार्वती शक्तिपीठ भी स्थित है। यह शक्ति पीठ माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर माता सती का कंठ गिरा था।
क्या है कबूतर का जोड़ा रहस्य?
ऐसी मान्यता है कि इस गुफा में कबूतर का एक जोड़ा हर साल अमरनाथ यात्रा के दौरान नजर आता है। पुराणों में कबूतर के इस जोड़े को अमर बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि जिन भक्तों को इस कबूतर के जोड़े के दर्शन होते हैं उन्हें स्वयं भगवान शिव और मां पार्वती दर्शन देकर मोक्ष देते हैं।
क्यां भगवान शिव पहनते हैं मुंड की माला
इस गुफा में मां पार्वती ने भगवान शिव से सवाल किया कि उन्होने अपने गले में मुंड की माला क्यों धारण कि, जिसके जबाव में उन्होने अमरत्व की कथा सुनाने से पहले मां पार्वती को बताया कि देवी अब तक आपके जितने जन्म हुए हैं, मैंने उतने ही मुंड धारण किए हैं।
किसने की अमरनाथ गुफा की खोज
मान्यताओं के अनुसार अमरनाथ गुफा की खोज एक मुसलमान ने की। प्रसिद्ध कहानियों के मुताबिक बूटा मलिक नाम का एक मुस्लिम गडरिया अपने भेड़ चराते-चराते बहुत दूर निकल गया। गडरिया स्वभाव से बहुत विनम्र और दयालु था। पहाड़ के ऊपर उसकी मुलाकात एक साधु से हुई, जिसने उसे एक कांगड़ी दिया। गडरिया ने जब उसे घर लाकर देखा तो वो सोने से भरा हुआ था। जिसके बाद वो व्यक्ति साधु को धन्यवाद कहने के लिए उसी स्थान पर गया, लेकिन साधु वहां नहीं था, बल्कि एक अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग नजर आया। ऐसा कहा जाता है कि बूटा मलिक के वंशज आज भी इस गुफा और शिवलिंग की देखरेख करते हैं।
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