सियासत

शरद पवार की कोशिशें बेकार! कांग्रेस ने फिर उठाया सावरकर का मुद्दा, BJP से पूछे सवाल

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 नई दिल्ली

वीर सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस के सुर नरम होने के आसार नहीं हैं। पार्टी ने एक बार फिर सावरकर और छत्रपति संभाजी महाराज का नाम लेकर भारतीय जनता पार्टी से सवाल पूछा है। सावरकर के नाम पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस बढ़ती रार के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने बात संभाली थी। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सवाल किया है कि सावरकर ने छत्रपति संभाजी महाराज को लेकर जो कहा है, क्या भाजपा उसे स्वीकार करती है। उन्होंने कहा, 'भाजपा पहले इसका जवाब दे, बाद में अन्य मुद्दों पर बात की जाएगी।' इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया है कि महाविकास अघाड़ी में वैचारिक मुद्दों पर मत अलग हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दल बंटे हुए हैं।

 रिपोर्ट में सावरकर की किताब 'Six Glorious Epochs' के हवाले से कहा गया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन के बाद 'संभाजी मराठा साम्राज्य पर शासन करने में सक्षम नहीं थे। उनके साथ गुस्सैल, शराबी होने जैसी बातें थीं।' आगे कहा गया, 'छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी बहादुर थे, लेकिन सक्षम पुत्र नहीं थे और वह विशाल मराठा साम्राज्य को नहीं चला सकते थे।'

उद्धव ने दी थी चेतावनी
सावरकर पर टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चेतावनी दे चुके हैं। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा था, 'मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम आपकी भारत जोड़ो यात्रा में साथ चले, क्योंकि वह लोकतंत्र को बचाने के लिए जरूरी था। लेकिन मैं राहुल गांधी से खुलकर कहता हूं कि सावरकर हमारे लिए भगवान की तरह हैं और हम उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे…। हम लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ हैं। लेकिन ऐसे बयान न दें और न ऐसे कदम उठाएं, जो दरार पैदा करें।'

पवार ने संभाली थी कमान
खबरें थी कि मामले को बढ़ता देख वरिष्ठ नेता पवार ने कमान संभाली थी। यह भी कहा जा रहा था कि वह कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले थे। वरिष्ठ नेता की सलाह के बाद राहुल ने भी सावरकर के मुद्दे पर रुख नरम करने का फैसला कर लिया था। खास बात है कि शिवसेना ने कांग्रेस के डिनर से भी दूरी बना ली थी।

 

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