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सरपंचों व महापौरों के बाद अब बढ़ेगा विधानसभा के माननीयों का वेतन!

विधानसभा आज ले सकती है निर्णय

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कर्मचारियों ने कहा हमारी सुध क्यों नहीं ले रही सरकार

भोपाल। सरपंचों और महापौरों के वेतन-भत्ते बढ़ाने के बाद सरकार अब विधानसभा के माननीयों के वेतन-भत्ते बढ़ाने जा रही है। करीब 7 साल बाद लाए जा रहे इस प्रस्ताव को फिलहाल सरकार की मंजूरी नहीं मिल पाई है, लेकिन विधानसभा के इसी बजट सत्र में इसकी घोषणा संभावित मानी जा रही है। इस संबंध में बनी समिति की बैठक आज सोमवार को होने जा रही है। वहीं विधायिका के रूख को देखते हुए प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों ने असंतोष जताया है।
    महत्वपूर्ण है कि अभी विधायकों को हर महीने वेतन-भत्तों सहित अभी 1 लाख 10 हजार रुपए वेतन मिलता है, जो 50 हजार रुपए बढ़कर 1.60 लाख रुपए महीना हो जाएगा। इनके साथ ही मुख्यमंत्री, मंत्री व राज्यमंत्रियों के भी वेतन-भत्ते बढ़ाए जाएंगे। महत्वपूर्ण है इसके पहले सरकार ने अन्य राज्यों से जानकारी बुलाई थी। इससे पहले मप्र विधायकों का वेतन साल 2016 में बढ़ा था। प्रदेश में 1972 से विधायकों को वेतन-भत्ते दिए जा रहे हैं। तब उन्हें 200 रुपए मासिक वेतन मिलता था। अभी 1.10 लाख रुपए है। यानी बीते 50 साल में इनका वेतन 550 प्रतिशत बढ़ चुका है। महत्वपूर्ण है कि इसी सत्र में सरकार ने विधायकों की स्वेच्छानुदान राशि बढ़ा कर 75 लाख रूपये कर चुकी है। वहीं इसके पहले स्थानीय चुनाव के बाद नवनिर्वाचित सरकार के प्रतिनिधियों का मानदेय और भत्ते बढ़ाने से सरकार नहीं चूकी है।

विधायकों ने साधी मामले में चुप्पी
वेतन-भत्तों और पेशन बढ़ोत्तरी के मामले में विधायकों ने चुप्पी साध ली है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा है कि मुझे इस विषय पर जानकारी नहीं है। वहीं विधायक केदारनाथ शुक्ला की तरफ से कोई जबाव नहीं आया है।

बैठक के बाद ही मैं कुछ कहूंगा
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मध्यस्वदेश से कहा कि सोमवार  प्रस्तावित समिति की बैठक के बाद ही कुछ कहना उचित होगा। समिति में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल है।

पूर्व अध्यक्षों को मिल सकता है कैबिनेट मंत्री का दर्जा
पूर्व विधायक मंडल की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा पूर्व अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री की सुविधाएं देने संबंधी मांग भी पूरी हो सकती है। हालांकि इस दौरान बतौर अध्यक्ष श्री गौतम पूर्व विधायकों को भी मिलने वाली पेंशन और स्वास्थ्य भत्ते में इजाफे का आश्वासन दे चुके हैं। माना जा रहा है कि समिति विधायकों के साथ पूर्व विधायकों के मामले में भी निर्णय ले सकती है।

बढ़ जाएगी मासिक वेतन-भत्तों की राशि
राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में लाये जाने वाले वेतन संशोधन विधेयक को मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री का वेतन 1.35 से बढ़कर 2.05 लाख हो जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके बाद मंत्री को 1.30 लाख के बजाय 1.90 लाख, संसदीय सचिव को 1.21 लाख से बढ़कर 1.75 लाख, विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 1.32 लाख बढ़कर 1.95 लाख, विधानसभा उपाध्यक्ष को 1.28 से बढ़कर 1.80 लाख, नेता प्रतिपक्ष को 1.30 लाख से बढ़ाकर 1.90 लाख तथा विधायकों  को वेतन 1.10 लाख बढ़ाकर 1.60 लाख तक हो सकता है।

सामने आई कर्मचारियों की नाराजी
इस प्रस्ताव को देखते हुए कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है। मप्र मंत्रालयीन संघ के पूर्व अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि है एनपीएस कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन लागू कराने की दिशा में सरकार को पहल करनी चाहिये। वहीं मप्र कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने से पहले अनियमित संविदा कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी के साथ ही लंबित मंहगाई भत्ते की एरियर राशि का भुगतान भी कर्मचारियों को किया जाना चाहिये।

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