जानिये शिवराज के मंच पर गोविंद ने क्यों किया गडकरी का गुणगान!
कहा, मप्र के मंत्री-अफसर नही पर नितिन गडकरी देते है विधायकों के पत्रों जवाब

भोपाल। विधानसभा में एक बार विधायकों का दर्द सामने आया। यह इसलिये भी कि सरकार के मंत्री व विभागीय अधिकारी न तो बात को गम्भीरता से लेते है और न ही भेजे गए पत्रों का जबाव देने की जरूरत ही समझते हैं। संरक्षक की भूमिका निभाते हुए आसंदी ने हालांकि इस सम्बंध में व्यवस्था दे दी, लेकिन इसके पहले ही सदन के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस मंच से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी वाहवाही लूट ले गए। विषय इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले नेताप्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने अपने वक्तव्य में गडकरी का गुणगान करने से नही चूके।
विधायक रामचन्द्र दांगी द्वारा उठाए गए सवाल के बाद उन्होंने कहा कि 1990 के बाद विधायक द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्री या केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखे गये पत्रों के जवाब की परम्परा बंद हो गई है। पत्र का कोई जवाब नहीं आता है। कानून में कोई निर्देश नहीं है। केवल दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री हैं माननीय गडकरी जी। उनको जब भी पत्र लिखा है वह काम होने के बाद सूचना देते हैं। यही परम्परा आसंदी के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने लागू की है, लेकिन सरकारी अधिकारी आदेश की पूरी तरह से धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोई पालन नहीं हो रहा है।
दरअसल दांगी ने आरोप लगाया था कि क्षेत्रीय विकास को लेकर सैकड़ों पत्र लिखे गए, लेकिन बीते 3 सालों में किसी का जबाव नही मिला है। सामान्य प्रशासन मंत्री इन्दर सिंह परमार के जबाव से असंतुष्ट दांगी का सवाल था कि जबकि शासन का स्थाई आदेश है कि समय-समय पर जवाब दें तो मुझे आज तक कोई जवाब क्यों नहीं मिला? कब तक मिलेगा। इस पर पूरे सदन ने सहमति जताई। अध्यक्ष गिरीश गौतम ने राज्य मंत्री को निर्देशित किया है कि सामान्य प्रशासन के नियमों के अनुरूप अधिकारियों को विधायकों के जबाव देने के लिये निर्देशित करें।
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