नईदिल्ली
राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन का नाम अब बदल गया है। मुगल गार्डन को अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा। अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में मुगल गार्डन का नाम बदला गया है। यह गार्डन अपने खास किस्म के फूलों के लिए जाना जाता है। राष्ट्रपति भवन का यह उद्यान अपनी सुंदरता के लिए काफी विख्यात है। हर साल इसे देखने के लिए लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। इस उद्यान में 138 तरह के गुलाब के फूल लगाए गए हैं। इस गार्डन में 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप फूल भी हैं। इसके अलावा यहां 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां भी हैं।
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसे आम लोगों लिए खोले जाने की शुरुआत की थी। तब से हर साल मुगल गार्डन आम लोगों के लिए खोला जाता है। अमूमन यह एक महीने से ज्यादा दिन तक आम लोगों के लिए खोला जाता है। हर बार की तरह इस साल भी यह उद्यान आम लोगों के लिए खुलने वाला है। आम लोग यहां विभिन्न तरह के ट्यूलिप और गुलाब के फूलों का दीदार कर सकेंगे।
राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने मुगल गार्डन का नाम बदले जाने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा- स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के बगीचे को 'अमृत उद्यान' के रूप में एक सामान्य नाम दिया है। मालूम हो कि स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के मौके पर देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है।
माना जा रहा है कि 'आजादी के अमृत महोत्सव' के उपलक्ष्य में मुगल गार्डन का नाम 'अमृत उद्यान' किया गया है। इस बार आम लोगों के लिए अमृत गार्डन दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। गार्डन को देखने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी दी जाएगी। इस बार यह गार्डन सबसे ज्यादा अवधि के लिए खोला जा रहा है। इस बार यह 31 जनवरी से 26 मार्च तक 2 महीने के लिए खुलेगा।
इस साल मानसून के मौसम में भी इस गार्डन को आम लोगों के लिए खोले जाने की योजना है। इस तरह अब आम लोग अमृत उद्यान का साल में दो बार दीदार कर सकेंगे। इस बार अमृत उद्यान में 12 किस्म के ट्यूलिप्स फूल देखने को मिलेंगे। यही नहीं फूलों के सामने क्यूआर कोड लगे होंगे। आम लोग इन क्यूआर कोड को स्कैन कर फूलों के बारे में जानकरी हासिल कर सकेंगे।
अमृत उद्यान में सेल्फी पॉइंट्स भी बनाये गए हैं जहां आम लोग फूलों के बीच सेल्फी ले सकेंगे। इस बार किसान, दिव्यांग, महिलाओं समेत अन्य लोगों के लिए विशेष तौर पर अगल से दिन निर्धारित किए गए हैं। स्पेशल कैटेगरी के तहत 28 मार्च से 31 मार्च तक की तिथि निर्धारित की गई है। यानी 28 मार्च से 31 मार्च के बीच किसान, दिव्यांग, महिलाओं को एक एक दिन निर्धारित रहेगा।
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